Page 17 - rural development intro
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ग्रामीण क्षेत्रों की ववशेिताएुँ - ग्रामीण क्षेत्रों में कवि ही मुख्य
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व्यसाय होती ह। वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों को खाद्य
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उत्पादक इकाइयाुँ कहा जाता ह। ग्रामीण क्षेत्र न कवल
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अपने मलए बजल्क शहिों क े मलए भी खाद्यान्न उपजाता ह।
शहिी समाजों में कवि महत्त्वपूणण नहीं होती। जनजातीय
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समाज भी सीममत मात्रा में ही अन्न उपजाता ह। किक उसे
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कहा जाता है जो खाद्यान्न का उत्पादन बडे पैमाने पि
किता है एवं जजसका उद्दश्य कवि से लाभ कमाना होता ह।
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किकों द्वािा उत्पाहदत खाद्य वस्तुएुँ शहिों को भजी जाती
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हैं। शहिी लोगों की आधथणक जरूितें पूिी होने पि वे अपना
ध्यान अन्य व्यवसायों की ओि लगा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों
में भूमम ही उत्पादन का साधन एवं आजीववका का स्रोत है,
जबकक शहिों में औद्योधगक वस्तुओं एवं सवाओं का
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उत्पादन एवं व्यावसानयक ववववधता नजि आती ह। शहिों
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में व्यावसानयक रूप से दक्ष व्यजक्तयों की काफी