Page 19 - rural development intro
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ग्रामीण लोग आन्तरिक गनतशीलता का प्रयोग अपने
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उद्दश्य प्राजप्त क े मलए किते हैं। लककन कई बाि सहयोग क े
अभाव क े कािण यह सफल नहीं हो पाता औि शहिी
दमनकािी शजक्तयों क े हाथों ग्रामीणों का शोिण होता चला
जाता ह। माशणल साहमलन ने ऐसे किकों को 'दुबणल' कहा है,
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जजनमें परिवतणन
लाने का साहस नहीं ह। आधथणक एवं िाजनीनतक रूप से
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शहिों ने ग्रामों पि अपना प्रभाव स्थावपत कि िखा ह।
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ग्रामीण समाज सजातीय होते हैं। इसक अनतरिक्त इन
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समाजों में बदलाव काफी कम होता ह। इन समाजों में
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अंतःकिया की एक सीमा होती है इसमलए इन्हें 'लघु पैमाने
क े समाज' कहा जाता ह। इन समाजों में लोगों क े मलए
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पिपिा एवं धमण का ववशेि महत्त्व होता ह। इसक अनतरिक्त
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व्यवसाय एवं जीवन साथी क े चुनाव में इनकी स्वतंत्रता भी