Page 19 - VIDYALAYA MAGZINE 2017 - 18_KVSRC
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     मााँ
                                         "गजल ने गजलिन से गजलफाम भेजा िै,
                                  शसतारों ने गगन से मााँ क े शलए सलाम भेजा िै,
                               संवेदना िै, भावना िै अिसास िै मााँ जीवन क े फ ू लों में
                                                खजिबू का आभास िै, मााँ
                                   पूजा की थाली िै, मंत्रों का जाप िै, मााँ मऱूथल
                                                  में मीठा सा झरना िै,
                                मााँ त्याग िै, तपस्या िै, सेवा िै, ज ंदगी की कडवािट
                                               में अमृत का प्याला िै मााँ,
                                 पृथ्वी िै, जगत िै, धूरी िै, मााँ बबना इस सृष्टी की
                                                    कलप्ना अधूरी िै,
                                मााँ का जीवन में कोई पयाुय निीं िै, मााँ का मित्व
                                            दजननया में कम िो निीं सकता,
                                    और मााँ जैसा दजननया में क ज छ िो निीं सकता,
               नाम :सौरव उपाध्याय
               कक्षा   : सतवी स
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