Page 23 - VIDYALAYA MAGZINE 2017 - 18_KVSRC
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     मााँ मााँ
                                          मााँ की लॉरी , वो दूध की कटोरी
                                       हाथों की थपकी, वो नीींद की झपकी
                                      ज़ोर से रोने पर, मााँ का भाग क े आना
                                     याद आता है मााँ, तेरे हाथों का खाना |
                                          मााँ का आाँचल, ओढ़ कर छ ु पना
                                        मााँ से कई अटपटे सवाल पूछना |
                                     उन बचकाने सवालों  पर मााँ का हाँसना
                                       ऐसा लगता है, जैसे था कोई सपना
                                         मात ददवस हर साल आता रहेगा
                                               ृ
                                  कोई न कोई मााँ पर कववता सुनता रहेगा |
                                    पर मााँ जीवन में बस एक बार ममलती है
                                     ईश्वर से भी ज्यादा मााँ को प्यार करना
                                                   मााँ बाप को कभी बोझ ना समझना  |
                                                                               नाम  उकपाायाय       क ज मार   क ृ ष्ण  :
                                                                                                                कक्षा   स   नवमी  :
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