Page 31 - XIC Class Magazine
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दादी का उपहार




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                                      े
               रोहन अपन कमर में उदास बैठा था । उसका हहन्दी एगजाम बहत
                                                                                                   ु
               खराब हआ था। इसलिए वह बहत उदास थे । क ु छ दर बाद रोहन की
                                                                                    े
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               दादी ने उसक कमर मे आ गया और उससे पूछा था कक, उसको हआ
                                                                                                    ु
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               क्या ह ?  रोहन ने उसका प्रश्न बताया । उसक बाद रोहन क दादी ने
                                                                                               े
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               उस क े लिए एक उपहार द हदया । वो उपहार एक पेनलसि था । परतु
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               रोहन ने कहा कक उसे वा गगफ्ट नही चाहहए क्योंकक वो अच्छी तरह

               एग्जाम नही लिखा । तो दादी ने कहा, बेटा ये पेनलसि तुम्ह बहत क ु छ
                                                                                             े
                                                                                                  ु
                                                                                           े
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               लसखाएगी क्योकक पेनलसि भी एकदम तुम्हारी तरह ह । दखो जब यह
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               पेनलसि को हम छछिा करते ह उस समय पेनलसि को भी ऐसी दद
                                                                                                      द
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                                                                                              े
                        ै
               होता ह जैसे अभी तुमको हो रहा ह । िेककन पेनलसि छीिन क बाद
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               पहिे से वो शापद और अच्छी हो जाती ह और उसकी सहयता से हम
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               अच्छी तरह लिखता ह। इसी तरह तुम भी  आज से बहत मेहनत करोगे
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               तो तुम भी पहिे से ज़्यादा होलशयार और अच्छ बनोगे “ । यह सुनकर
               रोहन बहत खुश होकर बाहर जाकर खिन क े लिए शुरु की ॥
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                                                श्रीदवी बी नायर
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