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 “अजगर समुद्र के  िकनार पर खड़ा था [1] और तभी
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 म�न एक पशु को समुद्र म� से िनकलत दखा।” [2]
 “ऐसा लग रहा था िक उस पशु के  िसरों म� से एक
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 िसर पर ब�त गहरा घाव था, लिकन उसका घाव
 ठीक हो गया था।” [3]
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 “उसन परम�र और उसक नाम, उसक
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 िनवास स्थान और �ग के  सब रहनवालों
 की िन�ा की।”






















































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 [1] समुद्र की रत से पता चलता है िक दिनया के  सभी रा� � ों
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 के  बीच म मसीह-िवरोधी अपना स्थान लगा।                            “उसे पिवत्र लोगों पर िवजय प्रा�
                                                                     े
                                                                  करन की श�� दी गई और उसे
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 [2] समुद्र उस अथाह कु ड का प्रित�प है, जहाँ से द�ा�ाए िनकलती ह�। शतान एक   सभी रा� � ों पर अिधकार िदया
                                                                         गया।” [4]
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 श��शाली द�ा�ा को बुला रहा है जो उस पशु म� रहती है और उसे िनयित्रत करती है।
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 [3] सभवतः एक नकली मृ�ु और पन��ान है िजसे मसीह िवरोधी न  े    िजनक नाम मे�े के  जीवन की पु�क म� नहीं
                                                                                े
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 अपन महान धोख के  एक भाग के  �प म� अिधिनयिमत िकया था।         िलख गए ह�, पृ�ी के  रहनवाल वे सभी लोग
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                                                                  उस पशु की उपासना कर�ग। े
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 [4] उस समय उसे उन लोगों का मार-काट और ह�ा करन की अनमित दी
                                                                            प्रकािशतवा� 13:1-10
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 जाएगी जो परम�र की आ�ा मानत ह� और उसस प्रेम करत ह�।                         प्रकािशतवा� 13:1-10
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