Page 6 - HINDI_SB61_Revelation2
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�
                   “मने �ि� की और देखा िक जैसे
                        े
                  ही उसन छठी मुहर खोली थी। तो
                            ू
                    ब�त बड़ा भकं प �आ।" [1]
                                      े
                                          े
                         पृ�ी के  पि�यों के  बड़ िह� �खसकन  े
                                                                                                                                                        े
                                                                                                                                                                 े
                                 े
                          लग, िजसस भारी तबाही होन लगी।                                                                                            "सूय� बकर के  बालों से बन �ए
                            े
                                           े
                                                                                                                                                टाट के  समान काला हो गया, और
                                                                                                                                                 सारा च�मा ल� के  समान लाल
                                                                                                                                                            े
                                                                                                                                                हो गया, [2] और तार पृ�ी पर िगर
                                                                                                                                                   े
                                                                                                                                                 पड़, [3] जैसे ब�त तेज आँधी के
                                                                                                                                                    े
                                                                                                                                                 चलन से अंजीर के  पेड़ म� से क�े
                                                                                                                                                              े
                                                                                                                                                    ही फल िगर जात ह�।”

                                                   हम पर िगर पड़ो, और
                                                         े
                                                   हम� उसक मुंह से जो
                                                    ं
                                                  िसहासन पर िवराजमान
                                                   है, और मे�े के  क्रोध से
                                                      िछपा लो! [4]
                                                              े
                                                      क्  योंिक उसक
                                                     क्रोध का बड़ा िदन                                                                                                       "आकाश पत्र के
                                                        ं
                                                    आ प�चा, और अब                                                                                                          समान सरक गया,
                                                     कौन ठहर सकता                                                                                                          और सब पहाड़ और
                                                                                                                                                                                े
                                                                                                                                                                            ू
                                                        है? [5]                                                                                                           टाप अपन स्थान से हट
                                                                                                                                                                               गए।"





























                                 े
                         े
                �
                                           ू
      [1] पृ�ी की च�ान एक साथ टू टन लगी, िजसस पृ�ी पर ऐसा भकं प �आ
               ै
              जसा पहल कभी अनभव नहीं िकया गया था।
                    े
                          ु
                            े
             ं
                         े
                                 ु
                  ू
        [2] यह सभवतः भकं प के  होनवाल �ालामखी िव�ोटों से पृ�ी के
         ं
                              े
                                    े
        ु
     वायमडल म� भारी मात्रा म� राख और मलब के  उड़न के  कारण हो सकता है।
             े
          पुरान िनयम म� भी यह भिव�वाणी की गई थी (योएल 2:31)।
                                                                                                                                                                              ु
      [3] यह सभवतः एक बड़ उ�ा िप� या उपग्रह की बौछार हो सकती है जो पृ�ी से टकराती है।                                                                        "पृ�ी पर के  सभी - राजा, राजकमार,
           ं
                   े
                                                                                                                                                             े
                                                                                                                                                            सनापित, धनी, सामथ�, और हर एक
                              े
                                               े
                                                 �
      [4] पृ�ी के  रहनवाल इन घटनाओं के  पीछ के  मूल कारणों को समझन लगग। े                                                                                    दास और हर एक �तंत्र ���
                  े
               े
                                                                                                                                                            गुफाओं म� और पहाड़ों की च�ानों के
                                                                                                                                                                          े
      [5] छठी मुहर उस समय से शु� होती है िजस समय के  िलए भिव�व�ाओं                                                                                               बीच म� जा िछप।"
                              ु
                                  ु
                               �
       े
      न "प्रभु का िदन" कहा था। पहली पांच महर मन�ों के  काय� के  प�रणाम ह�,
             े
            लिकन इस समय परम�र सीध ह��प शु� करता है।
                         े
                              े
                                  े
     4 4                                                                                                                                                                   प्रकािशतवा� 6:12-17
                                                                                                                                                                           प्रकािशतवा� 6:12-17
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