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लौदीिकया की कलीिसया और
       कलीिसया के  अ�� के  िलए
              े
                  े
         मसीह न अपन सबस  े
                                            ु
                                                  े
       प्रभावशाली वचनों को अलग   पास का शहर िहयरापिलस अपन गम� झरनों के  िलए जाना
                                                  ु
                                                          े
                                                            े
                               जाता था, जबिक पास का शहर कलु�े अपन ठं ड झरनों
           कर रखा था....
                                         के  िलए जाना जाता था।




                             े
                                                          ं
                                            ू
                            लिकन लौदीिकया म� एक भिमगत जलसेतु के  �ारा गदा, और
                                                             ु
                               ु
                             ु
                                                    े
                            गनगना पानी आता था स�वतः िजसे पीन से आगंतुक तरंत
                                       इसे बाहर थूक देत थे।
                                                  े
                                                                                 छी-छी!!







                                     े
         “म� जानता �ँ िक तुम न तो गम� हो और न ही ठं ड - �ोंिक
                                      े
                               ँ
                         ु
            ु
              ु
                              े
         तुम गनगने हो इसीिलए म� त�� अपन मुह से थूकन पर �ँ।”
                                                े
                                        ...दवाई, िवशषकर
                                                                                     े
                        े
        यह शहर इस �ेत्र के  सबस धनी    आँखों के  िलए मरहम।           “जो जय पाए, उसे म� अपन साथ
                                                                                  े
                                                                       े
                                                                         ं
          लोगों म� से एक था और तीन                                 अपन िसहासन पर बैठन का अिधकार
                                                                              �
         �वसायों के  िलए जाना जाता                                  दूँगा, िजस तरह म भी जयव� होकर
                                                                                      ं
                                                                       े
                                                                                   े
              �
           था: बिकं ग, ऊन और…                                       अपन िपता के  साथ, उसक िसहासन
                                                                          पर बैठ गया।”
        “मेरी स�ित यह है िक तू
      मुझसे आग म� ताया �आ सोना
      खरीद ले, तािक तू सच म� धनी
                     े
       हो जाए और �ेत व� ल ले
                    े
      िज�� पहनकर तू अपन नंगेपन
       की ल�ा को ढँक सके ...”






                                         “... और अपनी आँखों के  िलए
                                            ु
                                           समा�, िक तू देख सके ।”

                                          प्रकािशतवा� 3:14-22
                                          प्रकािशतवा� 3:14-22
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