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“िसहासन के चारों ओर और बीच म� चार जीिवत प्राणी थे। [1]
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वे िदन-रात कहत रहत ह�, ‘पिवत्र, पिवत्र, पिवत्र सवश��मान
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प्रभु, जो था, और है, और जो आन वाला है।’”
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[1] इन प्रािणयों के आँख ही आँख थी। वे
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सव�ानी नहीं ह� – िसफ परम�र ही है। लिकन
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इन प्रािणयों के पास िव�त �ान और अनभव
है।
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प्रकािशतवा� 4:6-8 4:6-8
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