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“उसन आकर िसहासन पर
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बैठन वाल के दािहन हाथ से
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वह पु�क ल ली।”
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“और जब उसन उस पु�क को ले
िलया, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों
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प्राचीन मे�े के सामन िगर पड़।”
“हर एक के पास वीणा थी,
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और वे धूप से भर �ए सोन के
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कटोर पकड़ �ए थे, जो पिवत्र
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लोगों की प्राथनाए ह�।”
और वे एक नया
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गीत गाने लग...
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तू उस पु�क को लेन और
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उसकी मोहर खोलन के यो�
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है, �ोंिक तून वध होकर,
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और अपन ल� से हर एक
कु ल, और भाषा, और लोग,
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और जाित म� से परम�र के
िलए मन�ों को मोल िलया है।
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प्रकािशतवा� 5:7--9