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 “जब-जब वे प्राणी िसहासन पर िवराजमान और सदा जीिवत रहन वाल की मिहमा,
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 आदर और ध�वाद करत, तब-तब चौबीसों प्राचीन िसहासन पर बैठन वाल के  सामन  े
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 िगर जात, और उसकी आराधना करत जो युगानुयुग जीवता है।”
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                                              हे हमार प्रभु और परम�र, तू मिहमा,
                                                         �
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                                               आदर और सामथ पान के  यो� है,
                                                       े
                                              �ोंिक तू ही न सब व�ुओं की सृि�
                                              की, और तेरी ही इ�ा से वे सृजी गईं
                                                     और बनीं ह�।




























































                                                                           प्रकािशतवा� 4:9-11प्रकािशतवा� 4:9-11
                                                                                           21 21
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