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                     “जब मे�� न तीसरी मुहर खोली,                                                                             एक िदन की मजदरी के  िलए
                                                                                                                                   े
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                             े
                     तो म� न तीसर प्राणी को यह कहत  े                                                                        एक सेर ग�ँ, और एक िदन की
                                                                                                                                ू
                           सुना, ‘िक आ!’”                                                                                    मजदरी के  िलए तीन सेर जौ,
                                                                                                                              और तेल और दाखरस को
                                                                                                                                         ँ
                                                                                                                                 ु
                                                                                                                             कोई नकसान न प�चाना। [2]
                                                                                                                                          े
                                                                                                                                    “तब म� न चारों प्रािणयों के  बीच म� से
                                                                                                                                            े
                                                                                                                                   एक श� कहत सुना, जो कह रहा था...”




























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             “म�न �ि� की, और देखा,
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                े
              तो मर सामन एक काला
            घोड़ा था! उसका सवार हाथ
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            म� एक जोड़ी तराज िलए �ए
                   था।” [1]




















      [1] िव��ापी यु� खा� आपूित� को बािधत करेगा और
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      वि�क अकाल और भूख की महामारी लाएगा। तराज से
      ं
     सके त िमलता है िक भोजन की कमी से राशन और भोजन
                    ं
                 की प��या बढ़गी।
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       [2] प�रमाण रािश से सके त िमलता है िक लोग उस िदन खान के  िलए
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      पया� भोजन के  िलए परे िदन काम करग। सामा� �प से जानवरों को
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                                         े
       िदया जाने वाला जौ लोगों �ारा खाया जाएगा। खाना पकान म� इ�माल
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       होन वाल तेल और दाखरस जैसे उ�ादों को सखिवलास की व�ुओं के                                                                                                            प्रकािशतवा� 6:5-6प्रकािशतवा� 6:5-6
     32 32           �प म� माना जाएगा।
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