Page 5 - Navvihaan 2021 10-9-21
P. 5

े
                                                श भकामिा संदश





                           ं
                     श्री सदीप रॉर्
                              े
                       महानिदशक
                                                                  े
                                                                                                 े
                                                                             िं
                      कायािलय की राजभाषा पत्रिका “िव र्व ाि” क तृतीय अक का प्रकाशि करत  ए

                                         ै
                    े
                                                                                                     े
                                                                ै
                 म झ अपार  षि  ो र ा  | ह िंदी भावों की भाषा   | भारत का र्वशाल जिमािस अपि
                                                            ै
                                                                                 िं
                 र्वचारों की असभव्यजक्त ह िंदी में  ी करता   | अगर भारत की अतरात्मा को समझिा
                                                        ै
                                                                      े
                   तो ह िंदी  ी वो माध्यम  ो सकती   | इसको जाि त्रबिा भारत की अिंतरात्मा को
                  ै
                                                                            िं
                                        ै
                                                                                                   ै
                                                  े
                                                     े
                 समझ पािा म जश्कल   | य  पूर दश को एक  सूि में बािि का काम करती     |
                                                                               े
                                                                 ै
                                        े
                              िं
                 इतिा  ी ि ी, ह िंदी र्वदशों में भी िल-ि ू ल र ी   |

                                                  े
                                                                                                   ै
                      “िव र्व ाि” पत्रिका ह िंदी क प्रचार-प्रसार की हदशा में एक म त्वपूिि कदम   |
                                       े
                                                            िं
                                                                                     ै
                 य  पत्रिका राजभाषा क प्रयोग को एक िई ऊचाई प्रदाि करि वाली   |
                                                                             े

                      य  पत्रिका कायािलय क अधिकाररयों/कमिचाररयों को असभव्यजक्त का एक स ज
                                             े
                                                                              े
                                                             े
                 माध्यम प्रदाि करती   | कायािलय पररवार ि राजभाषा ह िंदी क प्रनत अपिी जिम्मदारी
                                                                                                 े
                                       ै
                             े
                 का पररचय दत  ए इस पत्रिका को अपिी रचिाओिं स समृद्ि ककया   |
                               े
                                                                     े
                                                                                     ै


                                                           े
                      “िव र्व ाि” पत्रिका क तृतीय अक क सिल प्रकाशि पर कायालय पररवार और
                                                                                     ि
                                            े
                                                       िं
                                 े
                                                             ि
                                                                             िं
                 रचिाकारों को मरी ब त-ब त बिाई और  ाहदक श भाकामिाए |


                       संदीप रॉर्
                       महानिदशक
                               े







                                                             5
   1   2   3   4   5   6   7   8   9   10