Page 7 - Navvihaan 2021 10-9-21
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                                                  महश एम. िर्शसंघािी
                                                       े
                                               वररष्ठ लखापरीक्षा अधधकारी/हहंदी




                                                     संपादकीर्




                                                                                              े
                                                                                 िं
                                                                       े
                          कायािलय की राजभाषा पत्रिका “िव र्व ाि” क तृतीय अक को आपक सम्म ख
                                                                                   े
                                                              ै
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                                                                                           े
                    प्रस्त त करत  ए म झ अपार  षि  ो र ा   | य  पत्रिका अपि िाम क अि ऱूप  ी
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                                    े
                    राजभाषा ह िंदी क िवोदय में स ायक ससद्ि  ोगी | राजभाषा ह िंदी का प्रचार-प्रसार
                                                                                    ै
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                    सबकी जिम्मदारी   | य  सबक सकक्रय भागीदारी स  ी सिंभव   और इस हदशा में
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                                                                        े
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                    कायािलय पररवार निरतर प्रयासरत  , जजसका प्रमाि इस पत्रिका का सिल प्रकाशि
                                                        ै
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                          ह िंदी एक वज्ञानिक भाषा   | य  सिंपूिि राष्र की भाषा   | ह िंदी की प्रगनत क
                                                                                                      े
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                    त्रबिा राष्र की प्रगनत सिंभव ि ी   | र्पछल क   छ वषों में ह िंदी क प्रचार-प्रसार की
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                    हदशा में कािी कायि  आ   | लककि अभी भी इस हदशा में कािी क   छ ककया जािा
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                                                           े
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                    बाकी   |  म सबको राजभाषा ह िंदी क प्रनत अपिी जजम्मदाररयों को समझत  ए
                                                                                े
                                                                                                  े

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                    ईमािदारी स भरसक प्रयास करि की आवश्यकता   |
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                                                    े

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                          कायालय पररवार क ह िंदी क प्रनत प्रम को य  पत्रिका बखूबी स दशाती   | मैं
                                                                                                  ै
                                                                                             ि
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                                                                   े
                                                                                            ँ
                                                                                       े
                    पत्रिका  पररवार  को  उिक  सरा िीय  प्रयास  क  सलए  िन्यवाद  दता   ,  साथ   ी
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                                                                                            ू
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                    कायालय पत्रिका क आगामी अकों क सलए अििंत श भाकािाए व्यक्त करता   |
                                                                           िं
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                                                              वररष्ठ लखापरीक्षा अधधकारी/हहंदी
                                                                       े
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