Page 134 - Sanidhya 2024
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माा�ा- तिप�ा
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जान्मु किदयाा उप�ा� कि�याा, बनायाा सवाा�ा किनस्वााथा प्यूा� कि�याा ।
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�� त्यंागी है� खकिशयांं �ा, तम्हेा�ा है� सपना सा�ा� कि�याा ।
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तपत गीए, जालत गीए, है� द ख हैस �� सहैत गीए ।
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तम्हेा� भाकिवाष्य �ी किचता, किफक्र मु किदन-�ात ढ़ालत गीए ।
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�छु न चाहैा, �छु न मुागीा, �छु पान �ी न आस �खी । श्रीीमती म�ला निसाह,
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पत्नीी हैवा0/जाीडोी �ामु प्र�ाश किसहै
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किमुल �ामुयााबी है� �दमु, बस इतनी सी हैी दआ ��ी । ग्रीप �न्द्, मुजाफ�प� ु
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जाीवान � �किठान पथा प� तमु�ं थाा चलना किसखायाा ।
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मुतलब फ�ब �ी इस दकिनयाा स है�पल थाा तमु�ं बचायाा ।
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सा�ी उम्रा न च�ा पाओंगी, तमु इन� फजा �ा �जा।
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मुाता- किपता �ी सवाा स बड़ीा न �ंई जागी मु धैमु ।
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बचपन बीता गींद मु किजान�ी, आजा उन�ा �ंई सम्माान नहैीं ।
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बढ़ााप मु छुंड़ी आए ’’वाद्धाा�मु’’ आई तमु�ं लाज़ नहैीं।
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जाब वा� फज़ किनभाान �ा थाा, तमु उस पल मुख मुंड़ी गीए।
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किजासन तमु�ं जान्मु किदयाा, उसस हैी नाता तंड़ी गीए।
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या�ीन मुानं मु� अजाामु �ी, किफक्र तं तम्हे भाी सताती हैंगीी ।
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अपन जान� �ं या तड़ीपा ��, नींद तम्हे भाी न आती हैंगीी ।
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