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मातिहीलाा सशतिक्तकेराण
“ यत्र �ाय्यस्�ु पूज्यन्�े रमन्�े �त्र देर्�ा: |
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यत्ररै�ास्�ु � पूज्यन्�े संर्ा्यस्�कला: निरिया: ||”
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हैमु सब ना�ी �ं दवाी �ा रूप मुानत है। आत्मकिवाश्वाास, अनभावा एवा �चनात्म�ता स परि�पण, वाास्तंकिवा�ता मु याहैी
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ए� मुकिहैला �ी पहैचान है। पा�म्परि�� समुाजा औ� चा� दीवाा�ंं त� सीकिमुत �हैन वााली ना�ी आजा दश �ी �ा� ी ीया
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आया मु अपनी मुहैत्वपण भाकिमु�ा किनभाा �हैी है। मुकिहैलाए आकिथा� समुस्योाओंं एवा किनजाी रूकिच � �ा�ण उद्यकिमुता
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मु प्रवाश ��ती है तथाा उन्हे अपन दमु प� आगी बढ़ााती है। भाा�तीया मुकिहैलाए, किजान्हे पजानीया तं मुाना जााता है ै
निसापुाही/�ीडोी- अच�ा ��र्वरि�योा
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लकि�न वा समुाजा मु सम्माान �ी भाागीीदा� नहैीं है। आई0आई0टीी0 , किदल्लीी द्वाा�ा कि�ए गीए सवाक्षेण � अनसा� 101 द्रोुत �ाया बल
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सया� �ाज्य अमुरि��ा औ� �नाडोा मु छुंटी व्यवासाया �ा ए� कितहैाई किहैस्साा मुकिहैलाए है। एकिशयााई दशंं मु �ल
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�ाया बल �ा 40 प्रकितशत किहैस्साा मुकिहैलाओंं �ा है। भाा�त मु मुकिहैलाए अपन परि�वाा� स बहुत भाावानात्म� रूप स जाड़ीी हुई है औ� घा� �
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�ामु, बच्चोंं एवा परि�वाा� � सदस्योंं �ी दखभााल ��न मु व्यस्तं �हैती है। ऐस मु उन� पास अपन किलए �छु ��न �ा समुया हैी �हैा बचता
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है। दस�ी समुस्योा याहै है कि� हैमुा�ा समुाजा परु� प्रधैान है तथाा मुकिहैलाओंं � साथा परु�ंं � समुान व्यवाहैा� नहैीं कि�याा जााता है। व्यवासाया मु ं
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उन� प्रवाश � किलए परि�वाा� प्रमुख �ी स्वाी�कित �ी आवाश्य�ता हैंती है। पा�म्परि�� रूप स उद्यकिमुता �ं परु�ंं �ी किनगी�ानी मु �खा जााता
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है, जां मुकिहैलाओंं � किवा�ास मु बड़ीी बाधैा है। मुकिहैला साक्षे�ता �ं ल�� आ�ड़ी बदल �है है। भाा�तीया समुाजा मु प्रचकिलत प�म्प�ाए औ�
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�ीकित-रि�वााजा मुकिहैलाओंं � किवा�ास �ं अवारुद्धा ��त है। भाा�त मु मुकिहैलाए स्वाभाावा स �मुजां�, शमुीली औ� सौम्य है। ऐस मु किशक्षेा,
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प्रकिशक्षेण औ� किवात्तीया सहैायाता �ा अभाावा उन�ी �ायाक्षेमुता मु �मुीं �� दता है । किफ� भाी इन �किठानाइयांं � बावाजाद, उन्हेंंन वातमुान
समुाजा मु अपनी ए� अलगी पहैचान बना ली है।
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माराी केहीानी
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“छुंटीी सी मु�ी �हैानी है, चा�दीवाा�ी मु �द बचपन मु�ा,
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घाघाटी मु छुपी जावाानी है।
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मुाया�ा है स्कल मु�ा, सस�ाल एक्जाामु हैॉल है ।
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झेाड़ी, बतन, दंस्तं है मु�, घा� सभाालना मु�ा गींल है।
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घा� है आकिफस मु�ा, रि�श्त मु�ी पहैचान है।
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समुाजा �ी ख़ुशी � किलए खद �ं कि�याा �बान है । �हा र्वमा पुत्राी
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किसपाहैी/ बा�ब� – सत्यं ना�याण बन��
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छुंटीी -सी मु�ी �हैानी है, ै
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�हैानी मु�ी, इस समुाजा न �हैा जाानी है ?
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किदल मु गीमु, औ� आखंं मु गीमु �ा पानी है ।
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छुंटीी सी मु�ी �हैानी है ।।”
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