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                                                                                                            ै
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               भटक जा रहा ह। कभी वह नावल क कवरपृMठ                ह।  धूल  उसक  मि तMक  म  भी  उड़  रह!  ह।
               पर  बनी  अध नन  त वीर  को  एकदम  दखन              1दमाग म दो त' क साथ कॉलेज स घर लौटते
                                                                                                   े
                                                       े
                                                                                   े
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               लगता ह, कभी उपSयास क उसी पृMठ को खोल               हए लड़9कय' क बार म क> गई बात और फ ु स त
                                                                                       7
                                                                                    े
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                                                                   ु
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               कर पढ़ना शुd कर दता ह। 9फर भटक कर मन                म  एकाSत  क   ण'  म  सुना  गए  अ`ल!ल  बात
                                   े
                                                                              े
                                                                   7
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                                                                                          g
               फ ू लमती क> बड़ी सी चमकती हई लाल 1टक ु ल!           और चुटक ु ल घूमन लगते ह...
                                                                                  े
                                                                            े
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                                          7
               और  मांग  म  भर  #सSदूर  म  खो  जाता  ह।  तो
                                                      ै
                                                                  9फर  यह  धूल  एक  नाचता  हआ  बव2डर  बन
                                                                                              ु
                                      े
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                              े
               कभी फ ू लमती क प%त क दम क मर!ज होन स
                                                                                                             े
                                                                        ै
                                                                                    7
                                                                  जाती ह और बाद म बव2डर फ ू लमती का dप ल
               DयUथत हो उठता ह। बेचार!।
                                ै
                                                                  लेता ह।
                                                                        ै
               “का पढ़त हो बाबूजी ?”
                                                                  “बाबू जी, त%नक पानी डार दऊ।”
                                                                                           े
                                                                                             ं
               फ ू लमती  क>  आवाज  वह  च}क  उठा।  Pपछल
                                                           े
                                                                                                            ै
                                                                  वह  नाक  dमाल  हटा  पलट  कर  दखता  ह।
                                                                                                     े
               आंगन का काम %नपटा कर फ ू लमती कब बाहर
                                                                                      7
                                                                  फ ू लमती  न  आंगन  म  झाड़  लगाकर  सारा  क ू ड़ा
                                                                            े
                                                                                           ू
               आ गई पता नह!ं चला।
                                                                                  7
                                                                  बांस क> टोकर! म सहल #लया ह।
                                                                                      े
                                                                                               ै
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                                    7
               फ ू लमती उसक हाथ म पकड़ी 9कताब क मु{य
                            े
                                                                                  7
                                                                                      े
                                                                  उठ कर आंगन म लग नल क पास रखी बालट!
                                                                                             े
               पृMठ को एकदक दखे जा रह! ह। वह झप कर
                                             ै
                                 े
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                                                                  उठा  कर  नल  क  नीचे  रख  नल  खोल  दता  ह।
                                                                                 े
                                                                                                            ै
                                                                                                       े
                       े
               जnद!  स  9कताब  को  बंद  कर  त9कय  क  नीचे
                                                     े
                                                  े
                                                                  इस बीच फ ू लमती अपनी साड़ी को मदw क> तरह
               रख दता ह।
                         ै
                     े
                                                                         े
                                                                  घुटन  स  जरा  ऊपर  लाग  लगाकर  अपनी  कमर
                                                                      े
                                                                                ै
               फ ू लमती  मु करा  उठती  ह।  उसक>  आंख'  म          पर कस लेती ह। उसक> हnक-हnक रोएदार दोन'
                                        ै
                                                                                            े
                                                                                                 े
                                                           7
                                                                                                   े
                                                                                                            ै
               शरारत क> शोख %तत#लयां नाचन लगती हg।                टांग' को वह चोर नजर' स %नहारन लगता ह।
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                                                                                           े
                                                                         े
                                                                                                        ै
                                                                                               े
                                                                                                             े
                                                                  £दय स मीठt-मीठt आंच लहकन लगती ह। जैस
                        े
                                                 ै
                              े
                                                           े
               वह  उसक  चेहर  क>  ओर  ताकता  ह।  ~म  स
                                                                         7
                                                                                                        7
                                                                  गांव  म  गुड़  बनते  व&त ्   कड़ाहब  म  रस
                                 े
                                                           ं
                                        े
               उ?पSन  `वेद  उसक  सांवल  मुखम2डल  पर  यू
                                                                            ै
                                                                  खदबदाता ह।
               Lझल#मला  रहा  ह  जैस  चांदनी  रात  म
                                  ै
                                        े
                                                           7
                                                                                            े
               Lझल#मलाते #सतार।                                   बालट! भर गई तो उसन जैस ह! आंगन क फश
                                                                                        े
                                                                                                        े
                                े
                                                                                     े
                                                                                         े
                                                                  पर पानी डाला, लू स तप हए सीमेSटड फश  स
                                                                                                    े
                                                                                                             े
                                                                                           ु
               फ ू लमती  अपनी  पुरानी  सूती  क>  साड़ी  कमर  म
                                                           7
                                                                           े
                                                                  भाप उठन लगे।
               ख'स कर आंगन म झाड़ लगान स पहल कहती
                                 7
                                            े
                                               े
                                                    े
                                      ू
                                                                                 े
                                                                     े
                 ै
                                                                                                  े
                                              े
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                                                     ं
                                                 े
                                                                        ं
               ह,  “बाबू  जी,  त%नक  चेहरा  घुमाय  क  मुह  तोप    उस यू लगा जैस यह भाव फश  स नह!ं उसक
               लो। झाq लगाय स गदा  उZड़ह।”                         सीन स उठ रह! ह।
                                                                     े
                                                                        े
                                                                                  ै
                                े
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                                          े
                                                ं
               वह  चारपाई  क>  दूसर!  पŠट!  पर  मुह  घुमा  कर     फश   पर  झुक  कर  फ ू लमती  झाq  लगान  लगी।
                                                                                                       े
                                                                                                             े
                                                          ै
                                                                          े
                                                                                      े
                           ै
                                                                                                       े
               बैठ  जाता  ह  और  dमाल  नाक  ढक  लेता  ह।          झुकाव क चलते उसक लोकट hलाउज स उसक
                                          ै
                                 े
                                                    े
               फ ू लमती झाड़ लगान लगती ह। धूल उड़न लगती
                           ू
               मई – जुलाई                             27                                                                   लोक ह ता र
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