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P. 115

सा9हLय समाचार



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                                         य फसल का वHत ह तू आ कदम Nमला।
                                             ै
                                                              ै
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                                        य इि*तहान स त ह तू आ कदम Nमला।।
                                                              ै

                   tयो$तबा फ ु ल एवम ्  राहल सांक ृ Lयायन क+  मृ$त म) Nसरसा म) Aवचार-गो4ठ^
                                   े
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                       राहल  सांक ृ ?यायन  पु तकालय  #सरसा  |वारा  खैरपुर  ि थत  अपन  काया लय  म  महापंZडत
                                                                                                   7
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               राहल सांक ृ ?यायन एंव महा?मा Vयो%तबा फ ु ल क>  मृ%त म एक Pवचार गोMठt का आयोजन 11 अ+ेल को
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               9कया गया। गोMठt म उपि थत ~ोताओं एंव अ%तUथय' का  वागत करते हए गुरब{श म'गा ने सबस
                                                                                                             े
                                                                                     ु
               पहले बाबा साहब भीम राव अJबेडकर को नमन 9कया िजनका जSम1दन 14 अ+ेल को ह।
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                                                                                               ै
                                                                                  ~ी   भीम    राव    अJबेडकर
                                                                                                      भारतीय
                                                                           SयायPवद, अथ शा 6ी, राजनेता     और
                                                                           समाज सुधारक थे जो ताउŒ समािजक
                                                                           भेदभाव  और  अ पृ`यता  जैसे  घृLणत
                                                                           काय क Lखलाफ 5बना थक लड़ते रह।
                                                                                                   े
                                                                                 े
                                                                                                            े
                                                                           उसक  प`चात 12 अ+ेल  को  जSम
                                                                               े
                                                                                                             े
               सफदर  हाशमी  को  याद  करते  हए  गुरब{श  म'गा  ने  कहा  9क 2 जनवर! 1989 को 34 वष”य  सफदर
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                                                                         े
               हाशमी  को  स?ता  पोPषत  गु2ड'  |वारा  क?ल  कर  1दया  जब  व  अपनी  ट!म  जन  नाŠय  मंच  क  साथ
                                                                                                       े
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               गािजयाबाद म “हnला बोल” नाटक का मंचन कर रह थे। अ#भDयि&त पर हमले क> इससे बड़ी #मसाल
               शायद ह! कोई दूसर! हो। गोMठt क
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               मु{य  व&ता  राज थानी  एवं  1हंद!
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               क>  +{यात  प56का “कथेसर” क
               सJपादक  Pवनोद   वामी  ने  अपने
               व&तDय  क>  शुdआत  करते  हए
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               कहा  9क  महा?मा  Vयो%तबा  फ ु ले
               एंव  राहल सांक ृ ?यायन से  +ेरणा
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               लेकर     वत मान     समय       क
                                              े
               समािजक, आUथ क और राजनी%तक पKर `य को बार!क> से समझा जा सकता ह। उSह'न कहा 9क आज
                                                                                               े
                                                                                        ै
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               समाज  क  दबे  क ु चले  लोग  शासक  वग   क>  साJ+दा%यक  और  कारपोरट  पर त  चाल'  को  अfछt  तरह
                                                                                े
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               समझ  रह  हg।  उनका  कहना  था  9क  हम  आम  जन  को  स1हि?यक  पु तकालय  खोलने  और  +ग%तशील
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               मई – जुलाई                             115                                                                   लोक ह ता र
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