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और शबनम” “ या 1दल क> सुनो दु%नया वालो “तथा बहत चुनौती भरा काम होता ह नगम 9फnम क>
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”धीर धीर मचल ऐ 1दल बेकरार “9फnम अनुपमा , “ कहानी और #सचुएसन को zयान म रखकर #लखे जाते
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”बहार' मेरा जीवन भी संवार' “9फnम -आLखर! ह और खास बात य ह क> Vयादातर गान यून “पर
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खत , मर! आवाज़ सुनो 9फnम -नौ%नहाल , #मल े #लखन होते ह। पहल क खोद द! जाती ह और क क
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न फ ू ल तो काँट' स दो ती कर ल! 9फnम -अनोखी साईज क 1हसाब स मुदा तलाशा जाता ह या%न
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रात “िजंदगी ह &या “9फnम स?यकाम ” “ ( , य े संगीतकार हम यून दता ह उस पर हम शhद 9फट
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दु%नया य मह9फ़ल मेर काम क> नह!ं “9फnम -ह!र करन होते ह |यह काम चुनौती पूण होता ह। एक
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राँझा , तुम जो #मल गए हो “9फnम हँसते कामयाब गीतकार वह! ह जो यून और #सचुएसन क
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ज{म , ह तेर साथ तो मेर! वफ़ा “9फnम -1हSदुतान मुता5बक अfछा 1दल को छ ू न वाला नगमा #लखे जो
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क> कसम ( “िजस 1दन स मgन तुमको दखा ह 9फnम सबक कान' म रस घोल और सुनन वाल क> dह तक
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” परवाना , “ ( तुम 5बन जीवन कसा जीवन “9फnम - पहचे। बम न दादा सUचनदव बम न क साथ एक यून
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“बावच “चलते चलते मुझे कोई #मल गया था “9फnम पर गीत #लख रहा था उसम बहत टाइम लगा और गीत
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” -पाक>ज़ा “तुम जो इतना मु क ु रा रह हो “9फnम - ऐसा बना 9क बम न दादा भी खुश मुझे भी बहत सुक ू न
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“अथ ( “जलता ह बदन “9फnम रिज़या सुलतान (तथा #मला और जनता क बीच भी बहत मकबूल हआ। य े
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”9कतन बाजू 9कतन सर “9फnम -मg आज़ाद हँ “ ( जैसे गीत था ” वÌत न 9कया &या हँसी #सतम “काश
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बेहतर!न साथ क ,लोकP+य ,कण P+य और तर!य 9फnम भी 1हट हई होती। “मदन मोहन साहब क साथ
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गीत #लखकर अपनी शायर! का लोहा मनवाया। मgन हक>कत “हँसते ज{म” “ह!र राँझा “और
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इन पंि&तय' क लेखक को तीन बार कफ़> ”1हंदु तान क> कसम “आ1द कई 9फnम' म गान #लखे
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साहब स #मलन का सौभाय +ाyत हआ। और इनक गीत' न सुनन वाल' क 1दल' म खास जगह
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सन 2000 म मg फोन पर समय लेकर उनक गाँव #मजुवा बनायीं“। 1962 म 1हंदु तान और चीन क युW क बाद
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पंहचा। दोपहर एक बजे #मलन का वÌत तय हआ और पंजाब सरकार क> मदद स चेतन आनSद न 1964 म 7
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मg दो घंट लेट लगभग तीन बजे पंहचा। उSह'न बड़ी ”हक>क़त “9फnम बनाई |यह 9फnम दश क' न बहत
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गम जोशी स मेरा वागत 9कया और बोल खाना पसंद क> इस 9फnम क गीत सार दश म गूँज रह थे।
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तैयार ह मg आपका ह! इंतज़ार कर रहा था ,पहल खा ल 7 ”कर चल हम 9फ़दा जान ओ तन साUथय' अब तुJहार े
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9फर बातचीत करते ह “अपन घरलू सेवक गोपाल को हवाल वतन साUथय' “इस गीत न सार दशवा#सय' क>
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आवाज़ लगायी जnद! खाना लगाओ बड़ी भूख लगी ह “ आँख' को नम 9कया।
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भोजन क बाद मgन गीतकार शैलेS\ को लेकर काफ> मgन कफ़> साहब स सामािजक सम या पर
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बातचीत क> और उSह'न शैलेS\ को एक महान आधाKरत एक सवाल पूछा – कफ़> साहब
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गीतकार और मजदूर' कामगार' का सfचा दो त आज ब1हसाब बढती आबाद! क कारण हमार! आUथ क
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बताया। मgन उनस कई सवाल 9कय एक सवाल य पूछा तर&क> kक> हई ह इस मसल पर आपक &या {यालात
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”गज़ल या न§म #लखन और 9फnम क #लय गीत ह ? कफ़> साहब बोल – इस सम या पर मgन आज स े
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#लखन म आप 9कसको Vयादा आसान मानते ह “ ? तकर!बन 40 साल पहल एक क बाद एक “9फnम म 7
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,कफ़> साहब बोल – यक>नन 9फnम' म गीत #लखना एक गीत क जKरय इस सम या और उसक हल को
मई – जुलाई 69 लोक ह ता र