Page 2 - VIGYAN RATNAKAR_Oct_2021
P. 2
2
अिस्त 2021
अक्टूबर 2021 | खंड 1 | अंक 8
प्रधान सुंपादक नकु ल पाराशर
प्रबुंध सुंपादक कनपल नत्रपाठी
सुं पादक मानवध्षन कुं ठ
परामश्ष मुंिल अछखलेश झा (अध्यक्) आलोक कु मार
िॉ. रूबी नमश्र प्रकाश झा सुंजीव छसन्ा ररौशन झा
सुभार चन्द्र
निजाइन पीयालीनिजाइन
पत्राचारक पता
नवज्ान प्रसार, ए -50, इुंस्ीट्टूशनल एररया, सेक्र -62, नोएिा -201 309, यटूपी
फोन +91-0120-2404430
फैक्स +91-0120-2404437
ईमेल vigyanratnakar@vigyanprasar.gov.in
वेबसाइट www.vigyanprasar.gov.in
निस्क्ेमर/अस्ीकरण
‘नवज्ान रत्ाकर’ मे प्रकाछशत लेख एवुं लेखकगण द्ारा प्रस्ुत नवचार, छचत्र आनदक लेल नवज्ान प्रसारक कोनो छजम्ेवारी ननह अछि। ‘नवज्ान रत्ाकर’ मे प्रकाछशत लेख एवुं नवचार आनद कें नबना कोनो शल्कु देने पुनः प्रयोग कयल जा सकै ये, मुदा तानह लेल ई उल्ेख करब आवश्यक होयत जे अमुक सामग्ी नवज्ान रत्ाकर सुं लेल गेल अछि आ तें साभार/सरौजन्य नवज्ान प्रसार अपेछक्त अछि।
संपादकीय
महात्ा आ विज्ान
डॉ. नकुल पाराशर
हम सभ भारतक स्ाधीनताक 75म वर्ष मे प्रवेश क गेलहुं अछि। एकर उत्सव आरुंभ भ गेल अछि। साल धरर चलय वला काय्षक्रम
सभक माध्यमसुं हम सभ स्तुंत्रता सेनानी लोकननक योगदान स्मरण करब। सुंगनह हम सभ, हनको लोकननकें स्मरण करब जे सभ स्तुं त्रता सुं ग्ामक मध्य नवज्ान आ प्ररौद्ोनगकीक क्ेत्र मे अपन काजसुं व्ापक योगदान के लनन। एनह सबहक बीच अक्टूबर मास सेहो आनब गेल अछि आ हमरा सभक उत्सवी उत्साहकें दगुुन्ाभगेलअछि।दटूअक्टूबरकेंराष्ट्रनपतामहात्ा गाुंधी कें स्मरण करबाक सुंग एक केर पािु एक उत्सव क्रमश: चलत।
महात्ा गाुंधी आ नवज्ान केर सुंबुंध पर बहत नकिु छलखल गेल अछि। प्राय: एहन लेखन समाज आ पया्षवरण पर औद्ोनगक क्राुंनतक दष्पु ररणाम सभकें बेशी रेखाुंनकत करैत अछि तथानप, महात्ा जी एहन सामाछजक नेता सभमे गानल जाइ िछथ छजनक प्रकृनत नवाचारी आ अन्ेरक रहल अछि। गाुंधीजी 1929 मे हल्ुक चरखा निजाइन के र ताकमे एकटा प्रनतयोनगताकआयोछजतकेनेिलाह।एनहमाध्यमसुं ओ एहन चरखा ताकय िलाह जे रूईयाक ढेरीसुं एकटा ताग सहजता सुं निच सकय। नतरुअनुंतपुरममे 1925 मे नवद्ाथथी सभकें सुंबोछधत करैत गाुंधी जी कहलाह “हमरा लोकनन नवज्ानक नबना जीनवत ननह रनह सकय िी।दभुा्षग्यवश,कॉलेछजयालोकसभनबसररजाइ िछथ जे भारत गाममे ननवास करैत अछि न नक नगर सभमे। अहाँ सभ कोना अपन वैज्ाननक ज्ान ग्ामीण लोकनन धरर पहुंचा सकब?” गाुंधी एनह आवश्यकता पर सदैव जोर देलाह जानहसुं प्रेररत भ अनेक वैज्ाननक आ टेक्ोक्रे ट लोकनन आधारभटूत शोध नदश प्रवृत्त भेलाह आ ‘नवज्ानक रक्ा हेतु नवज्ान’ केर मुंत्र ल काज केलाह।
महात्ागाँधीकआत्कथा‘सत्यकसुंगहमर प्रयोगक कथा’ सुंकेत दैत अछि जे ओ प्रयोग मे बहत रुछच राखय िलाह। जाधरर हनक छजज्ासा सभक समाधान वैज्ाननक तक्षक आधार पर ननह भ जाए, ओ मानए ननह िलाह। ओ सतत नवकास के र पक्धर िलाह। हनक 1928 मे िपल शोधपत्रक एकटा िोट अनुच्ेद औद्ोगीकरण पर हनक नवचार केर उल्ेख करैत अछि।
गाुंधीजी जानह सतत नवकास अवधारणा के र पक्धर िलाह, ओकर उद्भव मानव सभ्यताक उत्पनत्त कालमेभेलअछि।ओउपरोक्तशोधपत्रमेछलखलाह “भगवान ननह चाहय िछथ जे भारत कनहयो पछचिम केर नकल करैत ओहन औद्ोनगकीकरण अपनाबै।“ हनक 1888 सुं 1948 धररक अनेक लेखनमे अनेक सुं दभ्ष भेटय अछि जतय गाुंधीजी नवज्ान आ प्ररौद्ोनगकी केरमानवीकरणकरयपरआएकराननध्षनलोकननक नहतमे प्रयोज्य बनबय पर जोर दैत िछथ।
गाुंधीजीक ननधन के र एतेक बरख बीत गेलाक बाद, खासक,पछिलादटूबरखमेजखनकोनवि19दनुनयाकें झकझोरने अछि, मानवता आ प्रकृनतक उन्यन लेल नवज्ानक प्रयोग के र हनक दृनष् बेशी महत्वपटूण्ष भ जाइ िैक। व्नक्तगत आ साव्षजननक स्िताक पालन सदैव गाुंधी जीक काय्षयोजनामे सववोच्च प्राथनमकतामे रहल। तें, समीचीन हेतइ जे हम सभ ‘स्ि भारत’ एहन राष्ट्र ीय नमशन के र तारतम्यमे अपन दैननक काय्षप्रणाली बनेबाक शपथ ली आ एनह तरहें महात्ा जी कें स्मरण करी।
पछिला अुंक सभ मे उल्ेख कयल िल जे भारतीय स्तुं त्रता सुं ग्ामक मध्य भारतीय वैज्ाननक, नवज्ान छशक्क आ नवज्ान सुंचारक लोकननक योगदान केंस्मरणकरबाकलेलसालभररगनतनवछधसभ सुंचाछलत कयल जाएत। एनह सुंदभ्ष मे स्मरण करेबाक अछि जे 20-21 अक्टूबर कें हम सभ नवज्ान सुंचारक लोकननक एकटा नवशाल सम्ेलन हाइनरिि (आुंछशक ऑफ़लाइन आ अुंशत: ऑनलाइन) रूपमे करब। एनह नवरय केर महत्ता देखैत नवज्ान छशक्क लोकननक एकटा एहने सम्ेलन 17-18 नवुंबर कें करबाक िै। तें,एनहदनुुसम्ेलनलेलwww.swavigyan75. in पर पुंजीकरण अवश्य कराबी। एनह वेबसाइट पर आरो बहत नकिु भेटत। अपने सभकें गाुंधी जयुंती, दगुा्षपटूजाआदशहराकेरबहतबहतशभुकामना!
Email: nakul.parashar@vigyanprasar.gov.in