Page 5 - VIGYAN RATNAKAR_Oct_2021
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 गाम–घर
   तीनफसला
मे मखान
भेल शाममल
रौशन झा
ती नफसला। मतलब एहन खेत जानह मे धान आ गहूमक सुंगनह एकटा आर फसलक उपजा हए। एनह खेत कें नमछथला मे सभसुं उत्तम मानल जाइत अछि। आब एनह तीनफसला खेतक एकटा फसल मे मखान सेहो शानमल भ’ गेल अछि। मखान आ खेत मे, सुनबा मे ई जरूर कनेक अनसोहाुंतक गप्प लागैत िैक मुदा सच यैह छथक जे आब मखान सेहो पोखरर सुं ननकछल कें खेत मे उपजय लागल हुं। समटूचा देश मे जतेक मखानक उत्पादन होइत अछि ओकर 80 सुं 90 फीसदी मखानक उपजा खाली नबहार, खासकय नमछथला मे होइत अछि। नमछथला मे आब पोखैर आ िबरा खत् भेल जा रहल अछि। एना मे मखानक नकसान लोकनन आब खेत मे सेहो एकरा उपजा करय लागलाह हुं जे नक पोखररक तुलना मे बहत बेसी
आसान आ फायदेमुंद अछि।
आबटू त’ बटूछझ जे आछखर कोना खेत मे उपजय
लागल हुं मखान। एकर श्रेय दरभुंगा ल्स्त राष्ट्रीय मखाना शोध केंद् कें नवशेर रूप सुं देल जा सकैत अछि। मखानक खेती के र लेल बहत बेसी ननह, मात्र 6 सुं 9 इुंच पाननक जरूरत पडैत अछि। नमछथला मे कतेको खेत एहन अछि जकर आरर के र ऊुं चाई एतेक होइत अछि। मतलब, एतेक गहीरुं खेत आसानी सुं भेनट सकै त अछि जानह मे एकर खती कयल
जा सकैत अछि। कहबाक तात्पय्ष जे जानह खेत मे धानक ऊपज भ’ सकैत अछि, ओनह मे पैनक
उछचत व्वस्ा कयला सुं
मखानक खेती कयल जा सकै त अछि। हालाुंनक मखानक खेती प्राय: मई महीना सुं ल’ कें छसतुं बर धरर होइत अछि। एनह महीना मे नमछथला मे खटूब पैन पडैत अछि। तें पैन कोनो बहत पैि
समस्ा ननह अछि। आसानी
सुं खेती भ’ सकै त अछि, बल्ल्क भ’ रहल अछि।
आब बात करी तीनफसला कें । मखानक खेती जानह खेत मे होइत अछि ओनह मे सुं प्राय: 15 छसतुंबर धरर मखान ननकाछल लेल जाइत अछि। छसतुंबर केर अुंत धरर पैन पडनाई सेहो बुंद भ’ जाइत अछि। जरौुं पनडतो अछि त’ एतेक ननह जे खेत मे पैन जमा भ’ सकय। मतलब ई जे मखान खडरलाक नकिुए नदन बाद खेत सुखा जाइत अछि। जानह खेत मे मखान होइत अछि ओकर उव्षरा शनक्त
15हजारहक्े ये रक्षेत्रमेहोइत अधछ दशे मे मखाना के र खेती जावह मे करीब 80 फीसदी उपज बबहार मे होइत अधछ।
बहत बेसी बनढ जाइत अछि। नकएक नक मखानक सडलाहा िाुंट-पात सभ खेते मे रनह जाइत अछि जे नक ओकर उव्षरा शनक्त कें बहत बेसी बढा दैत अछि। एना मे खेत सुखेलाक बाद एकरा मे दोसर फसल उपजाओल जा सकै त अछि। ओना तुं बहत रास फसल उपजेबाक नवकल्प उपलब्ध अछि मुदा जरौुं एकरा मे सरसोुं वा रलैंची के खेती कयल जाय त’ मनसुंपे उपजा भ’ सकैत अछि। सुंगनह ई फायदा के सरौदा सेहो सानबत भ’ सकै त अछि। सरसो के र चाही त’ साग सेहो उपजा सकैत िी आ ननह त’ एकर फसल तैयार सेहो क’ सकै त िी। जरौुं सरसोुं के साग उपजाओल जाइत अछि त’ बहत सुं बहत एक-िेढ महीना बादे खेत फे र सुं खाली भ’ जाइत अछि। एकरा बाद एकरा मे गहूम उपजाओल जा सकैत अछि। नकएक नक गहूम माच्षक अुंत धरर कनट जाइत अछि जकरा बाद एकरा मे फे र सुं मखान लगाओल जा सकैत अछि। त’ हम कनह सकैत िी जे मखानक आब सेहो पोखैर सुं ननकछल कें खेत मे पहुंछच गेल हुं
आ ई सेहो तीनफसला मे शानमल भ’ गेल हुं। सुं गनह, सरकार जेना आन खेती के लेल नकसान कें नवछभन् तरहक सहयोग दैत अछि तनहना मखानक खेती केर लेल सेहो सहयोग देबय लागल अछि। आब मखानक खेती करबाक लेल पोखैर अननवाय्ष ननह गेल अछि, बल्ल्क िोट-िोट खेत वा फेर एहन जमीन जानह मे पैन लागल रहबाक चलते साल मे एकनह टा फसल होइत िल, ओकरा मे मखानक खेती आराम सुं
कयल जा सकै त अछि।
अक्टूबर 2021 5
       














































































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