Page 3 - VIGYAN RATNAKAR_Oct_2021
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आमुख कथा
   अक्टूबर 2021 3
    विज्ानक विरोधी नवह,
स्वदशे ीकेंबढािादबे ाक पक्षधरछलाहगाधं ी
चंद्रककरण तिवारी
सन् 1931 मे दोसर गोलमेज सम्ेलनक लेल जखन गाुंधीजी लुंदन गेलाह त’ कोनो नवनोदनप्रय व्नक्त हनकर भेंट अपन जमाना
के र प्रछसद्ध नफल्म अछभनेता चालथी चैपलीन सुं करबा देलकछन्। गाुंधीजी इुंग्लैंि मे ओहन सभ लोक सुं भेंट करबाक इच्ुक िलाह जकर कनेक नाम होइक आ जे समाज मे प्रभावशाली हअए। ओकरा सुं भेंट कय गाुंधीजी ओकरा भारतीय स्तुंत्रता आन्ोलन, उद्ेश्य आ पक् सुं अवगत कराबैत िलाह। ओम्हर चालथी सोचलछन् जे हनको भारतक एकटा नवख्ात आ लगभग सव्षमान्य नेता स भेंट कय बहत रास गप्प आ नवचार सुं अवगत होयबाक मरौका भेटतछन्।
चालथी गाुंधीजी के र आुं दोलनक स्ागत कयलाह आ कहलाह जे हनकर चलाओल सत्याग्ह आ अनहुंसापटूण्ष आुं दोलन वाकई दनु नया के र लेल उदाहरण अछि। फे र धरर एम्हर-ओम्हर के बात भेल। करन काल बाद चालथी कें बात आगटू बढाबै मे नदक्कत होमय लागलछन् नकएक नक दनु टू दटू क्ेत्रक हस्ी िलाह। एना मे चालथी गाुंधीजी सुं पुिलछखन् जे ओ हनकर आधुननक उद्ोग- धुंधा आ नवज्ान केर नवरय मे सुंशय कें ननह बुछझ पानब रहल िछथ। जखन दनु नया आनग आ पनहया के र युग सुं ननकछल कय नवद्ुत आ हवाईजहाज के र युग मे प्रवेश क’ गेल अछि। अनह पर गाुंधी चालथी कें एकटा सनवस्ार व्ाख्ान देलछखन् आ कहलछखन् जे ओ नवज्ान आ उद्ोग के र नवरोधी ननह िछथ, बल्ल्क नवज्ानक सहायता सुं मानव द्ारा दोसर मानवक शोरण के र नवरोधी िछथ। गाुंधी कहलछखन् जे नवज्ान के र मानव नववेक पर वच्षस् स्ानपत करबाक ओ नवरोधी िछथ आ ओकर प्रयोग ओ केवल मानव-कल्ाणक लेल देखय चाहैत िछथ।
ओनह समय चालथी कें गाुंधी के र गप्प बहत बेसी ननह बुझबा मे अयलछन्। ओ यटूरोप केर नवजागरण आ औद्रौनगक क्राुंनतक बाद भेल पालन-पोरण के उपज िलाह। मुदा ओकर चारर साल बाद चालथी एकटा नफल्मक ननमा्षण, ननददेशन आ ओनह मे अछभनय कयलछन् जकर नाम िलैक- मॉिन्ष टाइमस। अनह नफल्म मे मशीन सुं सुंिर्ष करैत एकटा आदमी केर छखस्ा िैक जानह मे ओकर जीवन, रोजगार, पररवार सभटा मशीनक वजह सुं दाुंव पर लागल िैक। ई बात
बात सुं प्रेररत िलाह। गाुंधीजी नवज्ान के र हर युं त्र कें उपयोग करैत िलाह, चाहे पननया जहाज हो वा रेलगाडी वा िापाखाना हो वा फे र िडी। मुदा हनकर ईहो कथन िलछन् जे मानव समाज कें प्रकृ नत के र दोहन सुं बचबाक चाही आ सुंसाधनक कम सुं कम उपयोग करबाक चाही। एतय ओ ओनह सनातन परुंपरा कें जीनब रहल िलाह जानह मे प्रकृनत कें देवता वा माता-नपता केर बराबर मानल जाईत िैक, जखन नक यटूरोपक पुनजा्षगरण आ औद्रौनगक क्राुंनत प्रकृ नत के र अननयुं नत्रत दोहन कें लगभग अपन मटूक सहमनत द’ देने िलैक। गाुंधीजी अनह बात कें स्ीकार करय बला आ आकलन करय बला सुंभवत: पनहल भारतीय मनीरी वा नेता िलाह जे मानलाह जे भारतीय समाज केर आपसी जातीय-धानम्षक मतभेदक अलावा नवज्ान- प्रदत्त हाहाकारी शनक्त सेहो एकटा पैि कारण िल जे दनुनयामेसाम्ाज्यवादकनवस्ारभेल।ओनवज्ानक नवरोधी ननह, बल्ल्क ओकर नववेकपटूण्ष प्रयोग के र पक्धर िलाह। गाुंधी केर सत्य आ अनहुंसा वस्ुत: मानव मन पररवत्षनक एकटा औजार िल। ओ मानैत िलाह जे एटका मनुक्ख दोसर मनुक्ख कें जा धरर अपन बुंधु ननह बुझतैक, ताबत तक भरौनतक सुनवधा आ मशीनक प्रभाव सुं अनह दनु नया कें बचेनाई कनठन अछि। गाुंधी के र कथन िलछन् जे मनुक्खक मानछसक पररवत्षन क’ कें ओकरा अुंधाधुध उपभोक्तावादक बाट पर चलबा सुं रोकल जा सकैत अछि। ई पया्षवरण आ सामाछजक, आछथक्ष व्वस्ा कें बचेबाक लेल जरूरी अछि। जखन ओ प्राकृ नतक छचनकत्सा के र बात कयलछन् त’ ओहू मे आधटूननक नवज्ानक प्रनत ननह, बल्ल्क अपन आहार-नवहार पर ननयुंत्रण पानब बेमारी सुं बचेबाक उद्ेश्य िल। हनक मृत्यु के र करीब 75 साल बाद अनह महामारी के र दरौर में गाुंधीजी के र दश्षन
 गरौर करबाक लायक अछि जे ई ओ कालखुंि िल जखन बीसक दशक के र आछखर मे दनु नया आछथक्ष महामुं दी के र छशकार भ’ रहल िल आ भारी बेरोजगारी पसरर रहल िलैक।
ओकर कतेको साल बाद चालथी के र सेक्रे टरी अपन िायरी मे छलखलछन् जे लुं दन मे गाुंधी आ चालथी के र ओनह भेंट-िाुंटक ई असर िल जे चालथी चारर साल बाद एहन नफल्म बना सकलाह। भारतक एकटा फकीर, यटूरोप-अमेररका के र एकटा नफल्मी सुपरस्ारक मल्स्ष्क कें प्रभानवत क’ देने िल। गाुंधीक ग्ाम स्राज्य, कु टीर उद्ोग वा पया्षवरण प्रेम नवज्ान नवरोध पर आधाररत ननह िल। बल्ल्क ओ नवज्ान कें अत्यछधक प्रयोग आ समाज पर पडै बला ओकर असरर कें देछख लेने िलाह। जखन काुंग्ेस कमेटी नवदेशी वस्त्रक बनहष्कार के र बात कयलक, तखनहुं हनकर मोन मे नवज्ान केर नवरोध ननह िलछन्, बल्ल्क ओ स्देश्ाी कें बढावा देबाक
गांधीजी विज्ान के र हर यंत्रक उपयोग करतै छलाह, चाहे पननया जहाज हो िा रले गाडी िा घडी। मुदा हुनकर ईहो कथन छलन्हि जे मानि समाज कें प्रकृ वत के र दोहन सं बचबाक चाही।
  





















































































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