Page 126 - Not Equal to Love
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सूरज ूकाश
- म महद+ हसन क गायी फ़ै ज़ साहब क ग़ज़ल - दोन*
जहां तेर+ मुह)बत म हार के सुन रहा हूं।
- मेट। देOखये आप भूल जाते ह 5क आपके साथ हमारा
करार है। हम या आप कु छ भी अके ले नह+ं सुनगे। चैट के
समय जो कु छ म सुन रह+ होऊं गी, वह आप तक पहुंचेगा
और आपके पास बज रह+ संगीत लह=रयां यहां भी सुनायी
देनी चा5हये। पहले िलंक भेज। मेरे पास इस ग़ज़ल क
अg छf =रका5डग नह+ं थी। कराची से मेरे फे सबुक ृ ड
सैयद आिसफ सईद ने पेरािलिसस के बावजूद िभजवायी।
म 5कतनी खुशनसीब हूं 5क फे सबुक ने मुझे इतने कमती
दोः त 5दये।
- मेरे िलए _ या आा है?
- पहले िलंक।
- लीOजये-https://www.youtube.com/watch?v=UgoWKqxDZGY
अब।
- आपको पता है 5क ये ग़ज़ल अमूमन सभी ग़ज़ल गायक*
ने गायी है और सभी क आवाज़ म मेरे कले_ शन म है।
- तो मुझसे _ य* मांगी।
- िसफ< इसिलए सरकार 5क आप हमार+ कि करना सीख
और िमल बांट कर संगीत सुनने क आदत डाल।
- अब तो शेयर कर द+। अब _ या आा है।
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