Page 127 - Not Equal to Love
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नॉट इ वल टू लव


                                      - कु छ नह+ं, आपक कहानी िश) बू पढ़ रह+ हूं।

                                      - वो बहुत अg छf कहानी नह+ं बन पायी थी।

                                      - 5डः टब< न कर... हाहा!!
                                      - बाय!!

                                      - अg छf लगी कहानी मुझे.......... !! आपक एक और कहानी
                                        .. राइट नd बर रांग नd बर। मैशो शहर* क कड़वी सgचाई।
                                        रात को पढ़+ थी!!

                                      - रांग नd बर के  पीछे का सच.. !!
                                      -  आपक सार+ कहािनयां एक ह+ फाइल म ह और
                                        अY फाबे5टकली लगी ह। म उस 5हसाब से नह+ं पढ़ पाती।

                                        कोई भी कहानी चुन कर पढ़ती हूं।
                                      - जी!!

                                      - आपने 5हंद+ सा5ह य के  िलए कु छ साइ{स बतायी थीं।
                                        जरा उनके  िलंक भेज द। आजकल खूब पढ़ने का मन हो
                                        रहा है।

                                      - ये ल www.hindisamay.com
                                        www.gadyakosh.com

                                        www.kavitakosh.com

                                      - अरे, इन दोन* म तो आपक कहािनयां भी ह। मेट। एक
                                        पंथ दो काज हो गये ये तो। थ_ स।


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