Page 130 - Not Equal to Love
P. 130
सूरज ूकाश
- तय है। बाय करने के बाद आपके इनबॉ_ स म चंदन को
िलखा मैसेज पेः ट क/ं गी और याल रहे उस पर 5कसी
कमट या लाइक क ज़/रत नह+ं।
- जो आा महामाया।
- हैलो चंदन.. कै से हो.. आज तुम हँसे _ या? मेरा याल
आया _ या? रोज सोचती हूं 5क म तुd हारे बारे म इतना
_ य* सोचती हूं। जानते तो हो। मेरे बताने से _ या हो जाने
वाला है। तुमसे बात शु/ करने से पहले भी लाइफ म सब
कु छ तो परफै _ ट था। वैसे तो अभी भी है पर तुमने कहने
क ललक को जगा 5दया है 5फर से... मने तो चुप रहना
सीख िलया था.. म ये सोच कर हैरान हूं 5क तुम इतने
अg छे से मुझे कै से जानते हो। Iबन बात 5कये, Iबन िमले
मुझसे कै से संवाद कर लेते हो। मेरे मन क बात समझ
जाते हो और अपनी बात मुझ तक पहुंचा भी देते हो। सच
तो ये है 5क जब तब आमने सामने िमलते थे तो भी
हमार+ बात ह+ कहां हो पाती थी...सब कु छ महसूस करना
होता था, मुझे एमए के 5दन* म .. जो मैसेज मने तुd ह
भेजा था, 5क तृि क तरह.. तब तुम नाराज़ हो गये थे।
और अब देखती हूं 5क तुमने मुझे फे सबुक से अनृ ड कर
5दया है। मुझे हमेशा से पता था 5क हम कभी भी H यादा
बात नह+ं कर पायगे.....हम दोन* क दुिनया एक जैसी
होते हुए भी IबY कु ल अलग अलग है। 5फर भी मने तुd ह
फोन 5कया .......मैसेज भेजे .. मुझे तुमसे बस एक बार
129