Page 133 - Not Equal to Love
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नॉट इ वल टू लव
- एक शत< है!
- जी अपनी एक उd दा तः वीर भेज ता5क लेखक को
अहसास रहे 5क पाठक भी आसपास है।
- तः वीर कभी र+यल नह+ं होती। {वाइस अवे ृाम =रयिलट+।
वाह आप िलखते ह - हम 5कसी मर+ज से तीसर+, चौथी
बार िमलने के िलए अःपताल जाते ह और उसका खाली,
साफ सुथरा Iबःतर देख कर एक पल के िलए चaक जाते
ह 5क कह+ं मर+ज ठfक हो गया या...अg छा वा_ य है
ले5कन डरावना।
- आOखर वह+ं से तो वे पागल खान* म भेजी गयी थीं।
घर क ज़/रत इतनी कम थीं 5क उनके पास सारा 5दन
बोर होने के अलावा कु छ भी न होता।
इस दुिनया म हर आदमी जैसे पागलपन के कगार पर
बैठा है।
- कहानी पूर+ पढ़+?
- जरा से ध_के क ज़/रत है बस...।
- दरअसल उस कहानी क नाियका पागल नह+ं थी, बनायी
गयी थी पागल।
- आप िलखते ह - कोई तो है भले ह+ अनजान, अप=रिचत
ह+ सह+, उनक तरफ तार+फ भर+ िनगाह से देखता तो है।
...अg छा उदाहरण है वीमेन साइकॉलोजी का।
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