Page 19 - Grasshopper Magazine
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फाग खेलन बरसाने आए ह  नटवर नंद िकशोर
            घेर लई सब गली रंगीली
            छाय रही छिवघटा रंगीली
            ढप-ढोल मृदंग बजाए है
            बंशी की घनघोर -
            लै रहे चोट $वाल ढालन पर कीच मल% गालन प
            ह&रहर बांस मंगाए ह , चलन लगे चहुंओर


                    ह लोकगीत इस समय बरसाना की गिलय  म  गूंज रहा है।  मथुरा
            य
                    जहां कण-कण म  बांक  िबहारी बसते ह , वहां होली की म ती देखते
                    ही बनती है। #या वृंदावन #या नंदगांव या बरसाना...  पूरा मथुरा
                   रंग गुलाल से सराबोर है। पांच हजार साल पुरानी मथुरा की होली
            ने दुिनया भर म  अपना रंग जमाया है। िफर वह चाह  बरसाने की लठमार होली
            हो, फ+ल की होली, ल/0 की होली या िफर अबीर और गुलाल की होली।
            होली पर राधा-क34ण क  5ेम का हर 6जवासी पर रंग चढ़ा है। दूर-दूर से आए
                                                                                              g        17
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