Page 29 - Vidyalaya Magazine- Kendriya Vidyalaya Rishikesh
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क ु छ तो बाकी है
यूूं िो सब क ु छ है पास लेतकन, यह दोस्ि मेरे या मेरे यह शुभतिूंिक, िू भी
समझ ले,
तफर भी लगिा है तक क ु छ िो बाकी है |
तक जीवन में दोस्िी-यह-दौर अभी बाकी है |
रहिी आई खामोशी-सी होठों पर लेतकन,
मि पूछो मुझसे, अब और क्योंतक,
मन में क ु छ शोर अब भी बाकी है |
मेरा क ु छ सुनाना अभी बाकी है |
कहने क े तलए गम, खुशी, गुस्सा, खामोशी
और शरारिs िो है, है यूूं िो रास्िों में ढेरों रुकावटें लेतकन,
लेतकन अभी भी क ु छ और बाकी है | मन में क ु छ जोश और शोर अभी बाकी है |
यूूं िो कहने क े तलए बहुि क ु छ लेतकन, है हूंसना यहाूं और है रोना यहाूं लेतकन,
खामोश आसमा क े िले थोड़ा और बैठना अभी मैदान में यूूं ही डटे रहना बाकी है
भी बाकी है |
साथ िलने क े तलए है बहुि हाथ लेतकन, तशवानी तबष्ट
कक्षा – XII A
रास्िों में अक े ले िलकर तगरना अभी बाकी है |
है मैदान का एहसास अभी बहुि लेतकन,
मैदान की उस गेंद को थोड़ा और गले लगाना
बाकी है |
है शायराना वाला क ु छ अूंदाज लेतकन,
खुशी तक उस भूख को पहिाना अभी बाकी है |
हम हैं सुहावने बादलों से तगरे लेतकन,
उस एक बूूंद का बरसना अभी बाकी है |
है यूूं िो क ु छ जाना-पहिाना सा लेतकन,
खुद से ररश्िा तनभाना अभी बाकी है |