Page 31 - Vidyalaya Magazine- Kendriya Vidyalaya Rishikesh
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बहुत समय पहले की बात है, एक गाांव में बहुत खून खराबा होता था | वहाां
के राजा इस सब से बहुत परेशान थे | एक दिन उन्होंने भगवान से प्राथथना
दक भगवान प्रकट हुए और बोले “हे राजा, द ांता न करो | तुम्हारे गाांव
के बी में जो हुआ है, आज रात उसमें सारे गाांव वादसयों से एक - एक
बाल्टी िध डलवा िो, सब ठीक हो जाएगा | राजा ने सबको यह सांिेश
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िे दिया | रात को सब लोग उस क ु एां के पास जमा हो गए सब एक-
एक कर क ु एां में िध डालने लगे | उन्ही के बी एक आिमी था
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दजस ने सो ा दक अगर सारे लोग िध डाल रहे हैं | अगर मैं
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एक बाल्टी पानी डाल िां तो क ु छ नहीं होगा | अगले दिन
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जब राजा सुबह उठा तो उसने िेखा दक अभी भी खून खराबा
बांि नहीं हुआ था | िरअसल जो दव ार उस आिमी को आया
था, वही दव ार सारे गाांव वादसयों को आया था |
एक गौशाला में एक बैल खूांटे से बांधा हुआ था उसके सामने क ु छ भूसा रखा हुआ था, दजसे वह मजे में खा रहा था,
पास ही कोने में एक खटमल बैठा हुआ था जो बैल को भूसा खाते हुए िेख रहा था | बैठे-बैठे खटमल सो ने लगा,
बैल दिनभर मेहनत करके मनुष्यों के खेत जोतते हैं परांतु शाम होने पर इनको खाने के दलए क्या दमलता है- दसर्थ
भूसा!! और मैं मनुष्य का खून पीता ह ां लेदकन उनके दलए कोई काम नहीं करता, सो ते - सो ते खटमल बैल के
नजिीक गया और बोला – “बैल भाई आप इतने अदधक ताकतवर हो कर भी मनुष्यों का काम क्यों करते हो | मुझे
िेखो, मैं दकतना छोटा सा प्राणी ह ां दर्र भी मनुष्य का खून ूसता ह ां मगर उनके दलए कोई काम नहीं करता” |
खटमल की बात सुनकर बैल क्रोदधत हो उठा,| “खटमल मैं दिन में मनुष्यों के दलए काम करता ह ां तो वह भी मुझे
दखलाते दपलाते हैं, मुझे रहने के दलए घर िेते हैं, बीमार होने पर मेरी िवा िारू भी करते हैं, यही नहीं स्नेह वश मेरी
पीठ भी सहलाते हैं | तुम उनका खून ूसते हो, उनका कोई भी काम ना करके उल्टा उन्हें डांक मारते हो इसदलए वह
हमेशा तुम्हारी जान के िश्मन बने रहते हैं और हाथ लगते ही तुम्हारा काम तमाम कर िेते हैं | यह बात सुनकर बे ारे
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खटमल का दसर शमथ से झक गया l दशक्षा, आपका कमथ ही आपकी गुणवत्ता का मापिांड हैं, जैसा कमथ होगा वैसे ही
ु
गदत होगी |