Page 20 - Microsoft Word - CHETNA MARCH 2020- APRIL 2020 FINAL
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3. परमे[वर क\ साम]यB एक Wव[वासी मF
             जब  हम  य{न  के   साथ  अपने  चुनाव  को  प=का  कर  लेते  ह8,  तब  कह%ं  हम  एक

        EवXवासी के  wप म. उभरते ह8, =यJ+क  ाथ0ना और अपने  य{न म. हम  भु के  काय0 को
                             ु
        अपने जीवन म. पूण0 होता हआ देखते ह8. EवXवास 5सफ0  मुँह से अंगीकार करके  काय0कार%
                                                                ु
        नह%ं  होता  बि„क  वचन  कहता  है  +क  ‘EवXवास  कम0  ~बना  €यथ0  है.  मरा  हआ  है’  और
        ‘EवXवास कमš के  वारा ह% 5सc होता है.’ अतः अपने EवXवास को बढ़ाने के  5लए हम
        =या कर.? ~ब„क ु ल वह% जो EवXवा5सयJ के  Eपता अyाहम ने +कया. उसने परमेXवर क1
        इbछा  पूण0  करने  के   5लए  अपना  देश,  अपने  क ु ट ु ि?बयJ  और  अपने  Eपता  के   घर  को
        छोड़कर उस देश को चला गया िजसे परमेXवर ने उसे  दखाया. उसके  स?पूण0 EवXवासी
        होने का  माण  दया, इसी कारण परमेXवर ने भी उसके  जीवन या कह. उसम. अपनी
        सामŒय0 को  दखाया. परमेXवर ने न 5सफ0  उसका नाम महान +कया बि„क पी ढ़यJ के
        5लए उसे आशीष का मूल बनाया और इससे भी बड़ी बात क1 उसके  EवXवास के  कारण से
        परमेXवर ने उसे अपने 5म( क1 संLा दे द%.

             आज भी परमेXवर क1 यह सामŒय0 EवXवा5सयJ म. काय0शील है जैसा +क हमारे  भु
        ने  EवXवा5सयJ  म.  पाए  जाने  वाले  क ु छ  vच#हJ  को  बताया  +क  वे  दुGटआ{माओं  को
        ;नकाल.गे, नई-नई भाषा बोल.गे, साँपJ को उठा ल.गे, य द वे  ाणनाशक वPतु भी पी जाएँ
        त‚भी उनक1 क ु छ हा;न न होगी, वे बीमारJ पर हाथ रख.गे और वे चंगे हो जाएँगे (मरक ु स
        16:17).  ये  vच#ह  जwर  EवXवा5सयJ  के   ह8  पर#तु  सामŒय0  5सफ0   परमेXवर  क1  है  जो
        EवXवा5सयJ म. काय0शील रहती है.

             हम अपने जीEवत परमेXवर के  इसी सामŒय0 क1 बात करते ह8 जो इस संसार के
        LानवानJ, समझदारJ और EववानJ म. नह%ं बि„क उन लोगJ म. काय0 करती है जो m ू स
        क1 कथा पर EवXवास करके  सह% मायने म. उcार  ाeत कर लेते ह8.
             हमारे  भु यीशु ने तो परमेXवर और हमारे बीच के  परदे को फाड़कर कह  दया +क
             ु
        ‘पूरा हआ’ ओर हमारे 5लए एक राPता तैयार कर  दया। पर#तु =या आज हम उस राPते
        पर चलकर अपने बुलाए जाने से लेकर EवXवासी होने तक के  सफर को पूरा कर पा रहे ह8?
        और =या  हम अपने PवगVय  Eपता को अपनी EवXवासयो–यता  का  माण दे पा रह.  ह8
        ता+क उनक1 सामŒय0 हमम. काय0शील हो?

             आईए आज हम ‘m ू स क1 कथा’ को +कसी पारंप<रक कहानी के  wप म. नह%ं बि„क
        ‘परमेXवर क1 सामŒय0’ के  wप म. [हण कर. और अपने  भु यीशु के  ब5लदान को अपने
        जीवन म. साथ0क होने द..


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