Page 18 - Microsoft Word - CHETNA MARCH 2020- APRIL 2020 FINAL
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आज इस कथा को बार-बार दोहराने या बार-बार सुनने क1 जwरत नह%ं, ना  ह%
        बार-बार इसे +कसी को बताने क1 जwरत है.  जwरत है तो 5सफ0  इस बात क1 +क हम
        समझ. +क ये कथा हमारे 5लए ह% =यJ 5लखी गई? आHखर इसक1 जwरत ह% =या थी? हाँ
        जwर इसे हम मसीह% बचपन से ह% जानते ह8. इस कथा से जुड़े सारे सवाल के  जवाब
        हमने  जुबानी  रट  भी  5लए  हJगे,  ले+कन  =या  आज  परमेXवर  क1  वह  महान  सामŒय

        सचमुच हमारे जीवन म. काय0 कर रह% है? और =या हम इस लायक हो पाए ह8 +क

             परमेXवर  अपनी  इस  सामŒय0  को  हमारे  जीवन  के   वारा  दूसरJ  को  बचाने  म.
        इPतेमाल कर.?

             य द  ऐसा  हमारे  जीवन  म.  हो  रहा  है  तो  मनुGय  के   जीवन  के   5लए  इससे  बड़ा
        सौभा–य और क ु छ नह%ं हो सकता है, ले+कन य द ऐसा नह%ं है तो एक  Xन सामने आ-
        जाता है - =यJ? आज हम म. से कईयJ के  पास एक गवाह% है या कह., सौभा–य है +क
        हमने  भु यीशु को [हण +कया है. पर#तु य द हम अपने आप को परख. तो =या हम
        वाPतव म. अपने अ#दर मसीह को देख पाते ह8? =या हम वाPतव म. मसीह के  जैसे ह8? या
        कह%ं ऐसा तो नह%ं +क हमने मसीह का नाम तो  ाeत कर 5लया है, ले+कन उसके  गुणJ
        को  ाeत करने म. उसके  जैसे  दखने म. असमथ0 हो गए हJ? ऐसा ;निXचत तौर पर हो

        सकता है +क मसीह का नाम हमसे तो जुड़ गया हो, ले+कन आज हम Pवयं मसीह से न
                                   ु
        जुड़ पाए हJ?  इस संसार से जाते हए  भु ने एक आLा द% +क जाओ, तुम सब जा;तयJ
        के  लोगJ को चेला बनाओ और उ#ह. Eपता, पु( और पEव( आ{मा के  नाम से बप;तPमा दो
        और उ#ह. सब बात. जो म8ने तु?ह. आLा द% है, मानना 5सखाओ.  हमारे  भु के  चेलJ ने
        उनक1 इस आLा का पालन बखूबी +कया. आज भी  भु के  कई दास-दासी उनके  इस
        आLा के  पालन करने म. अपनी पूर% ;नGठा  दखा रहे ह8.

             अपनी इस आLा के  साथ हमारे  भु ने ये वादा भी +कया, +क वो जगत के  अंत तक
        सदा और इyानी भाषा के  अनुसार हर  दन हमारे साथ ह8. पर#तु =या मसीह% होकर =या
        आज तक हम यह% वादा अपने  भु से कर पाए ह8? आज एक  Xन 5सफ0  मेरे या आपके
        सामने ह% नह%ं बि„क पूरे मसीह% समाज के  सामने है; हमारे  भु यीशु का अनमोल और

        अतुलनीय ब5लदान =या हमारे जीवन म. वाPतव म. आदर  ाeत कर रहा है? हम Pवयं
        को उcार  ाeत करने वाले लोगJ क1 vगनती म. रखते तो ह8, पर#तु =या परमेXवर क1 वह
        सामŒय0 हमम. काय0शील है?

             परमेXवर क1 सामŒय0  =या है और यह हमम. +कस  कार काय0शील हो सकती है,
                                                            ु
        इसे हम परमेXवर के  बचनJ के  आधार पर ह% जान सकते ह8 और बहत ह% PपGटता के
        18 |  चेतना प ढ़ये और आगे ब ढ़ये
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