Page 13 - Microsoft Word - CHETNA MARCH 2020- APRIL 2020 FINAL
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को धुंय. म. उडा देते ह8, उसके  बाद भी य द कह%ं कोई मसीह% कल. डर है, या
        मसीह% +कताब या +फर मसीह% प~(का है तो उसको मु¡त पाने क1 ललक =यJ?
        =या कारण है +क अमर%का जैसे एक मसीह% बहमत जैसे देश म. आज भी गैर-
                                                ु
        मसी हयJ के  मि#दर, मिPजद और गुwवारे आसमान क1 चो टयJ को चूमते हये
                                                                        ु
        हमारे परमेXवर के  गौरव को ललकारते ह8 और भारतीय मसी हयJ के  पास चच0
        के  नाम पर उनक1 अपनी ;नजी इमारत भी नह%ं है. आज भी भारतीय पाPटर
        अपने दान का कटोरा 5लये हये अमर%क1 चच0 के  पाPटर का मोहताज है. उ#ह.
                                 ु
        आज भी मसीह% सेवा के  नाम पर भीख मांगने से फ ु स0त नह%ं है.
             ऐसी बातJ का मुय कारण है +क हमारे मांगने क1 आदत आज भी वैसी
        क1 वैसी है, जैसी +क भारत क1 आजाद% से पूव0 क1 है. हम आज भी उतने ह%
        अकम0णीय, ;नGठ ु र और ;नठ„ले ह8,  जैसे +क वषš पहले थे. हमार% ;नय;त म.
        आज भी दूसरJ के  दोष ढ ूंढ़ने और दोषारोपण क1 आदत Eवयमान है. हम अभी
        भी मसीह पर दोष लगाने, उसका अपमान करने और उसको सूल% पर ठJकने से
        बाज़ नह%ं आये ह8. हम य द चच0 म. भी इबादत के  नाम से जाते ह8, तो ये पहले
        सोचते ह8 +क चच0 का चलाने वाला पाPटर कौन है? इसी ;नठ„ल% मनोवृि{त का

        असर है +क मसी हयत के  नाम पर य द +कसी नई सेवा का आरंभ होता है तो
        उसको सहयोग देने वाला सहयोग देने से पूव0 सोचेगा +क इसका चलाने वाला
        कौन है? जैसे +क  भु यीशु मसीह के  बारे म. सोचा गया था +क, '+क अरे ये तो
        बढ़ई का पु( है?' कोई मतलब नह%ं था +क,  +क यीशु ने उन सबके  5लये +कतने
        बड़े-बड़े काम +कये थे? +कतनJ को चंगाई द% थी? +कतनJ को शुc +कया था?
        मतलब था तो के वल इस बात का +क ये तो उसका पु( है +क िजसका Eपता
        नासरत  म.  बढ़ई  का  काम  +कया  करता  है.  यह%  मनोवृि{त  यीशु  के   समय  म.
        लोगJ म. पाई गई थी और यह% चीज आज भी मसी हयJ क1  ेम भावनाओं को

        अ#दर से खोख़ला +कये जा रह% है.
                 जैसा  +क  बताया  गया  है  +क  'चेतना'  के    काशन  के   5लये  इसका
        संपादक, इसक1 सह-संपा दका इसके  खच0 को पूरा करने के  5लये अ;त<र=त काम
        करते ह8. सeताह म. एक  दन अ;त<र=त काम करके  जो भी हम.  ाeत होता है,
        उससे  हम  'चेतना'  का   काशन  +कया  करते  ह8.  इसके   अ;त<र=त  £-;तज  और
        शशांक  इसके   vच(ण,  मुœण,  बाइं“डंग  आ द  म.  अपना  सहयोग  ;नPवाथ0   दया
        करते ह8. 'चेतना' म. काम करने वालJ को कोई भी भुगतान या मेहनताना नह%ं
         दया जाता है. सब ह% ;नPवाथ0 और सेवा-भावना से काम के वल इस उददेXय से

                                                   13 |  माच  - अ ैल  2020
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