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मााँ मााँ



                                          मााँ की लॉरी , वो दूध की कटोरी


                                       हाथों की थपकी, वो नीींद की झपकी


                                      ज़ोर से रोने पर, मााँ का भाग क े आना


                                     याद आता है मााँ, तेरे हाथों का खाना |


                                          मााँ का आाँचल, ओढ़ कर छ ु पना


                                        मााँ से कई अटपटे सवाल पूछना |


                                     उन बचकाने सवालों  पर मााँ का हाँसना


                                       ऐसा लगता है, जैसे था कोई सपना


                                         मात ददवस हर साल आता रहेगा
                                               ृ

                                  कोई न कोई मााँ पर कववता सुनता रहेगा |


                                    पर मााँ जीवन में बस एक बार ममलती है


                                     ईश्वर से भी ज्यादा मााँ को प्यार करना


                                                   मााँ बाप को कभी बोझ ना समझना  |




                                                                               नाम  उकपाायाय       क ज मार   क ृ ष्ण  :


                                                                                                                कक्षा   स   नवमी  :

















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