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बेटी का ददु

               ददु उस बेटी  का

               जजसे दजननया मे आने न हदया,

               ईश्वर  की गलती की सजा
               इस बेटी  को दे हदया



               इस कारण एक बेटी  अपनी मााँ से किती िै ...........

               मााँ तू भी तो बेटी  िै,
               क्यों? मजझे आने न हदया,

               बेटे की चाि मेम तूने,

               अपनी बेटी जो भूला हदया,


               मााँ, मजझे एक बार बनने तो दे,

               तेरी सिेली बनूाँगी ,

               तेरे आाँचल की छांव मे,
               तेरे सारे दजख - ददु सिाँगी |
                                     ू


               तू िौसला रख मााँ,

               मेरे आने तक
               मेरे नाम से चमके गा,

               तेरा नाम जमाने तक |


               मजझे आने दे मााँ,

               एक नया ररश्ता बनाऊाँ गी

               रोिन कऱूं गी पिले तेरा घर,

               कफर अपना सजंदर घर सजाऊाँ गी |


               वंि बढ़ाने की चाि में

               मााँ, तूने मजझे ठ ज करा हदया,

               कल क े वंि की खानतर,


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