Page 107 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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िमल सकता है।
अगर आप यह फ़ ै सला कर भी ल िक आप अपने काम से काम रख गे, िफर भी आपको यह
नह पता होता िक आपक े ल य को िकस तरह से िनधा रत िकया जाए। यादातर लोग अपने
ोफ़ े शन को बनाए रखना चाहते ह और अपनी तन वाह क े सहारे ही संपि बनाना चाहते ह ।
जब उनक संपि बढ़ती है, तो वे िकस तरह अपनी सफलता का आकलन करते ह । कब
कोई आदमी यह महसूस करता है िक वह अमीर है, िक उसक े पास दौलत है। संपि और दािय व
क मेरी अपनी प रभाषाओं क ही तरह, दौलत क े बारे म भी मेरी अपनी प रभाषा है। दरअसल
म ने इसे बकिमं टर फ़लर नामक यि से सीखा है। क ु छ लोग उसे नीमहक़ म कहते ह , और
ु
कई लोग उसे एक जीता-जागता जीिनयस कहते ह । साल पहले सभी वा तुिवद इसिलए हैरान हो
गए थे य िक 1961 म उसने िजयोडेिसक डोम क े पेट ट क े िलए आवेदन िकया था। और उस
आवेदन म फ़लर ने दौलत क े बारे म भी क ु छ कहा था । पहले तो उसका ठीक-ठीक मतलब समझ
ु
म नह आया था, परंतु उसे कई बार पढ़ने क े बाद, इसका मतलब समझ म आने लगा : दौलत
िकसी आदमी क वह यो यता है िजसक े सहारे वह आगे आने वाले इतने िदन तक िजंदा रह
सकता है... यानी अगर म आज काम करना बंद कर दूँ तो म िकतने समय तक िजंदा रह सकता
ह ँ।
यह नेट वथ क तरह नह है, जो आपक संपि और दािय व क े बीच का अंतर है। हर
यि को लगता है िक उसक े पास जो सामान है वह बह त क़ मती है। परंतु इस प रभाषा से
सचमुच सही आकलन िकया जा सकता है। म अब आकलन कर सकता ह ँ और सचमुच जानता ह ँ
िक आिथ क प से आज़ाद होने क े मेरे ल य क े संदभ म म ने िकतनी तर क़ कर ली है।
हालाँिक नेट वथ म ऐसी चीज़े भी आ जाती ह िजनसे पैसा नह आता, जैसे वह व तु जो
आपक े गैरेज म खड़ी है। दौलत का सीधा सा िहसाब यह है िक आपका पैसा िकतना पैसा बना
रहा है और इसिलए आप आिथ क प से िकतने िदन तक िजंदा रह सकते ह ।
दौलत दरअसल संपि क े कॉलम क क ै श लो क े दािय व वाले कॉलम क े साथ तुलना है।
एक उदाहरण ल । यह कह िक मेरे पास हर महीने म संपि वाले कॉलम से 1,000 डॉलर
का क ै श लो है। और मेरा खच हर महीने 2,000 डॉलर है। मेरे पास िकतनी दौलत है?
अब हम बकिमं टर फ़लर क प रभाषा क तरफ चल । उनक प रभाषा क े िहसाब से म
ु
िकतने िदन तक िजंदा रह सकता ह ँ। अगर हम एक महीने म 30 िदन मान ल , तो इस प रभाषा
क े िहसाब से म 15 िदन तक िजंदा रह सकता ह ँ।
जब म अपनी संपि से हर महीने 2,000 डॉलर का क ै श लो हािसल करने लग जाऊ ँ गा तो
म दौलतमंद हो जाऊ ँ गा।
हालाँिक म अमीर नह ह ँ, परंतु म दौलतमंद ज र ह ँ। हर महीने मेरी संपि से मुझे जो
आमदनी िमलती है वह मेरे महीने भर क े ख़च क े िलए काफ़ होती है। अगर म अपने ख़च को
बढ़ाना चाहता ह ँ तो मुझे इसक े पहले अपनी संपि से आने वाले क ै श लो को बढ़ाना होगा। यह