Page 114 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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जोिखम नह उठा सकता” -यानी िक उनका कोई आिथ क आधार नह होता। वे अपनी नौक रय
से िचपक े रहते ह । वे खेल को सुरि त तरीक े से खेलते ह ।
जब कं पिनय का आकार छोटा होने लगा तो लाख -करोड़ लोग को पता चला िक िजसे वे
अपनी सबसे बड़ी संपि मानते थे यानी िक उनका घर, वह उ ह िजंदा मार रहा है । उनक घर,
नामक संपि हर माह उनक जेब से पैसे िनकलवा रही थी। उनक कार, उनक दूसरी संपि भी
उ ह िजंदा मार रही थी। गैरेज म रखे 1,000 डॉलर म ख़रीदे गए उनक े गो फ़ लब अब 1,000
डॉलर क े नह रह गए थे। नौकरी क सुर ा न होने क े कारण अब उनक े पास जीवनयापन का
कोई आधार नह बचा था। उनक े िवचार म जो संपि याँ थ , वे पैसे क े संकट क े समय म उनक
क ु छ भी मदद नह कर सकती थ ।
म यह मानकर चल रहा ह ँ िक हमम से यादातर ने मकान ख़रीदने या कार ख़रीदने क े
िलए ब कर से लोन क े िलए आवेदन फ़ाम भरा है। 'नेट वथ ' खंड पर नज़र डालना हमेशा रोचक
रहता है। यह रोचक इसिलए होता है य िक इससे हम जान पाते ह िक ब िकं ग और अकाउंिटंग म
िकन चीज को संपि याँ माना जाता है।
एक िदन, क़ज लेने क े िलए मेरी माली हालत बह त अ छी नह लग रही थी,। इसिलए म ने
अपने नए गो फ़ लब, मेरे आट कले शन, पु तक , टी रयो, टेलीिवजन, अमा नी सूट् स, कलाई
घिड़याँ, जूते और दीगर चीज को संपि वाले कॉलम म िदखा िदया।
मेरे लोन क े आवेदन को अ वीकार कर िदया गया य िक मेरा बह त यादा िनवेश रयल
ए टेट म था। लोन कमेटी को यह पसंद नह आया था िक म अपाट म ट हाउसेस से इतने यादा
पैसे कमा रहा था। वे यह जानना चाहते थे िक मेरे पास एक सामा य नौकरी य नह है, िजसम
वेतन िमलता हो। उ ह ने मेरे अमा नी सूट् स, गो फ़ लब या आट कले शन क े बारे म कोई
सवाल नह िकए। िजंदगी कई बार किठन हो जाती है जब आप ' ट डड ' ोफाइल म िफट नह होते
ह ।
म हर बार च क जाता ह ँ जब म िकसी को यह कहते ह ए सुनता ह ँ िक उनक नेट वथ दस
लाख डॉलर है या एक लाख डॉलर है या ऐसा ही कोई और आँकड़ा। नेट वथ क े सटीक न होने
का एक ख़ास कारण यह है िक िजस पल आप अपनी संपि य को बेचना शु करते ह , आपको
ाि य पर टै स चुकाना पड़ता है।
इतने सारे लोग अपने आपको पैसे क े गहरे संकट म डाल लेते ह जब उनक आमदनी कम
हो जाती है। पैसा जुटाने क े िलए वे अपनी संपि याँ बेचते ह । पहले, तो उनक यि गत संपि याँ
सामा यत: उस मू य से बह त कम म िबकती ह , जो उनक बैल स शीट म िदखाया गया है। या
अगर संपि य को बेचने से कोई फ़ायदा होता है, तो उस पर टै स लगा िदया जाता है। तो एक
बार िफर, सरकार फ़ायदे म से अपना िह सा ले लेती है और इस तरह क़ज से उबरने क े िलए
जुटाई जाने वाली रक़म को कम कर देती है।
अपने काम से काम रखना शु कर द । िदन क नौकरी को करते रह , परंतु असली
संपि य को ख़रीदना भी शु कर द । परंतु ऐसे दािय व या यि गत चीज से बच िजनक