Page 113 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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बढ़ाने क े िलए और ऊ ँ ची िश ा हािसल करते ह । वे इंजीिनयर, वै ािनक, रसोइए, पुिलस अफ़सर,
कलाकार, लेखक इ यािद बनने क े िलए पढ़ाई करते ह । उनक यावसाियक यो यताएँ उ ह
काम करने और पैसा कमाने का मौका देती ह । परंतु यान रहे वे पैसे क े िलए काम करते ह ।
आपक े ोफ े शन और आपक े िबज़नेस म बह त बड़ा अंतर है। म अ सर लोग से पूछता ह ँ
''आपका िबजनेस या है?'' और वे कहते ह , ''म एक ब कर ह ँ।'' िफर म उनसे पूछता ह ँ िक या वे
ब क क े मािलक ह ? और सामा यत: उनका जवाब होता है,''नह , म वहाँ काम करता ह ँ।' '
इस तरह उ ह ने अपने ोफ़ े शन और अपने िबज़नेस को एक ही समझ िलया है। उनका
ोफ़ े शन एक ब कर का हो सकता है, परंतु उनका अपना िबज़नेस क ु छ भी नह है। रे ॉक अपने
ोफ़ े शन और अपने िबजनेस क े बीच क े अंतर को बह त अ छी तरह जानते थे। उनका ोफ़ े शन
हमेशा वही था। वे एक से समैन थे। एक समय वे िम कशेक क े िलए िम सर बेचते थे और क ु छ
ही समय बाद वे हैमबग र चाइज़ी बेचने लगे। हालाँिक उनका ोफ़ े शन हैमबग र चाइज़ी बेचने
का था, परंतु उनका िबज़नेस आय िदलाने वाले रयल ए टेट को इकट् ठा करना था।
क ू ल क े साथ एक सम या यह है िक आप जो िवषय पढ़ते ह , आप वही बन जाते ह ।
उदाहरण क े िलए अगर आप क ु िकं ग का अ ययन करते ह , तो आप शेफ बन जाते ह । अगर आप
कानून का अ ययन करते ह तो आप वक ल बन जाते ह और अगर आप ऑटो मैक े िन स का
अ ययन करते ह तो आप मैक े िनक बन जाते ह । जो पढ़ा जाए वही बन जाने म ग़लती यहाँ होती
है िक लोग अपने काम से काम रखना भूल जाते ह । वे अपना सारा जीवन दूसरे क े काम पर
यान देने म लगा देते ह और इस तरह उसको अमीर बनाते ह ।
आिथ क प से सुरि त बनने क े िलए िकसी आदमी को अपने काम से काम रखने क
ज रत है। आपका िबज़नेस आपक े संपि वाले कॉलम क े चार तरफ घूमता है जो आपक
आमदनी वाले कॉलम क े िवपरीत होता है । जैसा पहले बताया जा चुका है, नंबर एक िनयम यह
जानना है िक संपि और दािय व क े बीच अंतर होता है और इसिलए हम संपि ही ख़रीदनी
चािहए। अमीर लोग अपने संपि वाले कॉलम पर यान देते ह जबिक बाक़ सभी लोग अपने
इ म टेटम ट पर यान देते ह ।
इसीिलए हम यह बह त सुनने म आता है, ''मुझे यादा तन वाह क ज रत है।'' ''काश िक
मुझे मोशन िमल जाए।'' ''म एक बार िफर क ू ल जाकर क ु छ और िश ण लेने वाला ह ँ तािक म
बेहतर नौकरी पा सक ूँ ।'' ''म ओवरटाइम करने वाला ह ँ।' ''शायद मुझे कोई पाट टाइम काम िमल
जाए।'' 'म दो स ाह म नौकरी छोड़ रहा ह ँ। मुझे एक नई नौकरी िमल गई है िजसम तन वाह
यादा है।''
कई समूह म ये समझदारी क े िवचार ह । परंतु अगर आप रे ॉक क बात समझ लेते ह , तो
ऐसा करक े आप अपने काम से काम नह रख रहे ह । ये सभी िवचार अपना पूरा यान आमदनी
वाले कॉलम पर क ि त िकए ह ए ह और अगर अित र धन का उपयोग आमदनी बढ़ाने वाली
संपि य को खरीदने म िकया जाता है तभी वह आदमी आिथ क प से सुरि त हो सकता है।
ग़रीब और म य वग क े यादातर लोग आिथ क प से पुरातनपंथी होते ह यानी- ''म