Page 18 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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लोग यानी िजनक े  पास उस कं पनी क े  शेयर होते ह  वे  यादा अमीर हो जाते ह । अलग तरह क े

               िनयम  से मेरा यही आशय था। कम चारी हारते ह ; मािलक और िनवेशक जीतते ह ।”

                     रॉबट  कम चारी और मािलक क े  बीच क े  फ़क़    को समझा रहे थे। यह फ़क़    था अपनी िक़ मत
               पर ख़ुद अपना िनयं ण होना या िफर अपनी िक़ मत पर िकसी दूसरे का िनयं ण होना।

                     “परंतु  यादातर लोग यह नह  समझ पाते ह  िक ऐसा  य  होता है, “ म ने कहा, “उ ह
               लगता है िक यह ठीक नह  है।”

                     उसका जवाब था, “इसीिलए तो ब च  से यह कहना मूख ता है, ‘अ छी िश ा  ा  करो।’
               यह सोचना मूख ता है िक  क ू ल  म  दी जा रही िश ा से ब चे उस दुिनया का सामना करने क े
               िलए तैयार हो जाएँगे िजसम  वे कॉलेज क े  बाद पह ँचने वाले ह । हर ब चे को  यादा िश ा क

               ज़ रत है। एक अलग तरह क  िश ा क । और उ ह  नए िनयम  को जानने क  भी ज़ रत है।
               अलग तरह क े  िनयम  को जानने क ।”

                     “धन क े  क ु छ िनयम होते ह  िजनसे अमीर लोग खेलते ह  और धन क े  क ु छ और िनयम होते
               ह  िजनसे बाक़  95 िफ़सदी लोग खेलते ह । और ये 95 िफ़सदी लोग उन िनयम  को अपने घर
               और  क ू ल म  सीखते ह । इसीिलए आजकल िकसी ब चे से यह कहना ख़तरनाक है, ‘मन
               लगाकर पढ़ो और अ छी नौकरी खोजो।’ आज ब च  को अलग तरह क  िश ा क  ज़ रत है और
               आज क  िश ा नीित उ ह  क ु छ मूलभूत बात  नह  िसखा पा रही है। इस बात से कोई फ़क़    नह

               पड़ता िक  लास म म  िकतने कं  यूटर रखे ह  या  क ू ल िकतना पैसा ख़च  कर रहे ह । जब िश ा
               नीित म  वह िवषय ही नह  है, तो उसे िकस तरह पढ़ाया जा सकता है।”

                     अब सवाल यह उठता है िक िकस तरह माता-िपता अपने ब च  को वह िसखा सकते ह  जो
               वे  क ू ल म  नह  सीख पाते? आप अपने ब चे को अकाउंिटंग िकस तरह िसखाते ह ?  या इससे वे
               बोर नह  हो जाते? और आप उ ह  िकस तरह िनवेश करना िसखाएँगे जब एक पालक क े   प म
               आप ख़ुद िनवेश क े  ख़तरे से डरते ह ? अपने ब च  को सुरि त जीवन क े  िलए तैयार करने क े

               बजाय म ने यह बेहतर समझा िक उ ह  रोमांचक जीवन क े  िलए तैयार िकया जाए।
                     “तो आप िकस तरह िकसी ब चे को धन और उन सब चीज़  क े  बारे म  िसखा सकते ह

               िजन पर हमने अभी िवचार िकया है?” म ने रॉबट  से पूछा। “हम िकस तरह इसे माता-िपता क े
               िलए आसान बना सकते ह , ख़ासकर तब जब उ ह  ख़ुद ही इसक  समझ न हो।”

                     उ ह ने कहा, “म ने इस िवषय पर एक पु तक िलखी है।”

                     “वह पु तक कहाँ है?”

                     “मेरे कं  यूटर म । यह बरस  से वह  िबखरी पड़ी है। म  कभी-कभार उसम  क ु छ बात  जोड़
               देता ह ँ परंतु म  आज तक उसे कभी इकट् ठा नह  कर पाया। म ने इस पु तक को तब िलखना शू
               िकया था जब मेरी पहली पु तक बे टसेलर हो गई थी, परंतु म  अभी तक अपनी नई पु तक को

               पूरा नह  कर पाया ह ँ। यह अभी भी खंड  म  है।”

                     और वह पु तक िनि त  प से खंड  म  ही थी। उन बेतरतीब खंड  को पढ़ने क े  बाद म ने
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