Page 96 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
P. 96
होगा िक ज दी ही इ वे टम ट पोट फ िलयो बना िलया जाए। िकसीआदमी पर इसका असर कम से
कम तीन तरह से पड़ता है:
1. समय क बबा दी, य िक इस दौरान दूसरी संपि य का मू य बढ़ गया होता।
2. अित र पूंजी क बबा दी, िजसे दुबारा िनवेश िकया जा सकता था, जबिक घर ख़रीदने क े
बाद आपको घर से सीधे जुड़े बह त से ख़च उठाने पड़ते ह ।
3. िश ा क बबा दी। अ सर ऐसा होता है िक लोग यह मानते ह िक उनक े संपि वाले कॉलम म
उनका घर, बचत और रटायरम ट लान आते ह । चूँिक उनक े पास िनवेश करने क े िलए
पैसा नह होता, इसिलए वे िबलक ु ल भी िनवेश नह करते ह । इस कारण उ ह िनवेश का
अनुभव कभी नह िमल पाता। यादातर लोग कभी एक 'समझदार िनवेशक' नह बन
पाते। और सबसे बिढ़या िनवेश सामा य तौर पर सबसे पहले 'समझदार िनवेशक ' को बेचे
जाते ह , जो बाद म उ ह सुरि त खेलने वाले लोग को बेचते ह ।
मेरे पढ़े-िलखे डैडी का फ़ायन िशयल टेटम ट चूहा दौड़ म फ ँ से यि का सबसे अ छा
उदाहरण है। उनक े ख़च हमेशा उनक आमदनी से यादा होते थे, इसिलए उ ह संपि म िनवेश
करने का मौक़ा ही नह िमलता था। इसका नतीजा यह होता था िक उनक े दािय व, जैसे मॉट गेज
और े िडट काड क े क़ज़़ उनक संपि से कह यादा होते थे। अगला िच एक हज़ार श द क
तरह एक कहानी बताता है:
पढ़े-िलखे डैडी का फ़ायन िशयल टेटम ट