Page 95 - Rich Dad Poor Dad (Hindi)
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आज भी, लोग-बाग मुझसे इस बात पर बहस करते ह िक उनका घर संपि य नह होता। म
जानता ह ँ िक बह त से लोग क े िलए खुद का घर उनका सबसे बड़ा सपना होता है और इसीिलए
वे इसे अपना सबसे बड़ा िनवेश मानते ह । अपने घर क े मािलक होने से यादा अ छा क ु छ भी नह
है। म इस लोकि य मा यता को देखने का एक और नज रया सुझाना चाहता ह ँ। अगर म और
मेरी प नी एक यादा बड़ा और आलीशान मकान खुरीदने क बात सोचते ह तो हम जानते ह
िक यह एक संपि नह होगी बि क एक दािय व होगा य िक इससे हमारी जेब से पैसा िनकल
जाएगा।
तो यह रहा मेरा तक । हालाँिक यादातर लोग मुझसे सहमत नह ह गे य िक घर एक
भावना मक चीज़ होती है। और जब पैसे का सवाल आता है तो भावनाएँ पैसे क समझ को हरा
देती ह । मुझे यि गत अनुभव से पता है िक पैसा हर फ ै सले को भावना मक बना देता है।
1. जब घर क बात आती है तो म यह बताना चाहता ह ँ िक यादातर लोग उस घर क क़ मत
चुकाने क े िलए िजंदगी भर काम करते ह िजसक े वे कभी पूरी तरह मािलक नह होते।
दूसरे श द म यादातर लोग एक घर ख़रीदने क े क ु छ साल बाद दूसरा घर ख़रीदते ह
और हर बार पहले मकान क े िलए जो क़ज़ वे लेते ह उस पर उनक े पास हर बार िफर से
30 साल का नया क़ज हो जाता है।
2. हालाँिक लोग को मॉट गेज पेम ट पर याज क े िलए टै स म छ ू ट िमलती है, परंतु वे अपने
दीगर खच क े िलए टै स क े बाद िमलने वाले डॉलर का उपयोग करते ह । अपनी
मॉट गेज पूरी तरह चुकाने क े बाद भी।
3. ॉपट टै स। मेरी प नी क े म मी-डैडी को ध का लगा जब उनक े घर का ॉपट टै स 1,000
डॉलर ित माह तक पह ँच गया। यह तब ह आ जब वे रटायर हो चुक े थे और इस बढ़ोतरी
से उनका रटायरम ट क े बाद का बजट गड़बड़ा गया और उ ह मजबूरन मकान बदलना
पड़ा।
4. घर क क़ मत हमेशा नह बढ़ती। मेरे क ु छ दो त ह िज ह ने अपने घर क े िलए क़ज़ िलया था।
उ ह दस लाख डॉलर से भी यादा का क़ज़ चुकाना है पर आज उस घर क क़ मत सात
लाख डॉलर से यादा नह है।
5. सबसे बड़े नुक़सान अवसर गँवाने क वजह से होते ह । अगर आपका सारा पैसा मकान म
फ ँ सा रहता है तो आपको यादा कड़ी मेहनत करनी पड़ती है तािक आपका खच चलता
रहे। इस दौरान आपक े संपि वाले कॉलम म कोई बढ़ोतरी नह होती है। अगर एक युवा
पित-प नी शु आत म ही अपना पैसा संपि वाले कॉलम म लगाएँ तो उनक े आगे क े
साल आराम से गुज़र गे ख़ासकर उस समय जब वे अपने ब च को कॉलेज म भेज गे। इस
दौरान उनक संपि भी बढ़ जाएगी और उनक े ख़च भी आराम से चलते रह गे। अ सर
ऐसा होता है िक आपका घर आपक े बढ़ते ह ए ख़च क े भुगतान क े िलए होम-इि वटी लोन
का साधन बन जाता है।
सं ेप म , अपना घर ख़रीदने का फ़ ै सले बह त ख़च ला पड़ता है। इसक े बजाय बेहतर यह