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िच कारी अपनी बुलं दय पर थ ये शहर बाग हवेिलय इमारत क ामी रयत, कारीगरी, और शायरी के िलए जाना
गया। कारीगरी का बेहतरीन नमूना आिसफ़ इमामबाड़ा, सैनाबाद इमामबाड़ा, बारादरी, उस व त क कोठी
िबिबयापुर (कै ट म ), कोठी फ़रहतब श (छतरमंिजल), कोठी हयातब श (राजभवन), लाल बारादरी बादशाह बाग
(लखनऊ िव िव ालय), म छी भवन (मेिडकल कॉलेज) म शािमल हो गए ह। यह मुग़ल और इंडो यूरोिपयन इमारती
कारीगरी का अनोखा संगम ह ै और उस व त क शानोशौक़त को दशा ता ह।ै ये शहर हर तरह से रईस था।
इस शहर ने १८५७ का गदर दखे ा और जंग-ए-आज़ादी म भी शािमल आ, जो पहले वत ता सं ाम के नाम से जाना
गया। िजसक झलक रेज़ीडस ी के खंडहर और शहीद मारक बयान करते ह। १९०१ म िखलाफ़त आंदोलन का आगाज़
भी इसी शहर से आ। महा मा गांधी, जवाहर लाल नेह , मुह मद अली िज ा क मुलाकात 1916 म इसी शहर म ई,
िजसम मु य भूिमका ी अंिबका चरण मजूमदार ने िनभाई, जो उस व त इस अिधवेशन के अ य थे। उ होने कहा
“अगर क ेस सूरत म दफ़न हो गई थी तो उसका पुनज म नवाब वािज़द अली शाह के लखनऊ के बाग म आ” इस
वत ता सं ाम के गवाह राम साद िबि मल, अशफाक़ उ ला खाँ, राज नाथ लाहीरी, रोशन संह तथा अ य क
शहादत ह।ै
सां कृितक एवं सािहि यक अदाकारी का आंकलन व मह व उमराव जान, बेगम अ तर (ठुमरी दादरा गाियका),
िशवानी, राम चं शु ल, भगवती चरण वमा , यशपाल, अमृत लाल नागर, सूय का त ि पाठी 'िनराला', शायर राम
साद 'िबि मल', मोहिसन काकोरी, ख़ मार बाराबंकवी, जोश मिलहाबादी, मज़ाज लखनवी आ द के काय से कया जा
सकता ह।ै मीर बाबर अली अनीस और िमज़ा दबीर ने अपने अनोखे अंदाज़ म स या के ारा इमाम सैन क शहादत को
बयां कया ह।ै
लखनऊ शहर क तर का पैमाना इसके सकल घरेलू उ पाद का भारत के शीष शहर के सकल घरेलू उ पाद के
समाना तर होने से लगाया जा सकता ह।ै यहाँ पर िविभ उ ोग जैसे ऐरोनो ट स (एच॰ ए॰ एल॰), ऑटोमोबाइ स
(टाटा), मशीन टू स (एल॰ अंड टी॰) , िचकन व जरदोज़ी क कशीदाकारी, दवाइयाँ (सी डी आर आई और सीमैप), फल
एवं फल उ ोग (दशहरी, चौसा, सफ़े दा, लंगड़ा आम), जैव तकनीक आ द इस शहर के िवकास के प रचायक ह।
एशोचैम लेसम ट पैटन के शोध अ ययन के अनुसार लखनऊ दस म से छठा सबसे ती गित से तर एवं रोजगार दने े
वाले शहर म शुमार ह।ै
िख़ज़ाँ के लूट से बबा दये चमन तो ई
यक न आमाद े फ़सले बहार कम न आ मज़ाज लखनवी
अब ब मंिज़ला भवन , पाँच िसतारा होटल और धौलपुर प थर क इमारत ने शहर क थोड़ी सूरत बदल दी ह।ै लोग
कह रह े ह क हम तर कर गए ह, ब घी-मोटर म बदल गयी, र शा-ई र शा म , समय भागने लगा तो मे ो आ गयी,
सलामवालेकुम, नम ते हा सएप क गुड-मा न ग हो गए। पहले आप पहले आप िसफ 'म ' तक िसमट कर रह गया। तर
तो ई पर अपने अपन से दरू हो गए काश दोन साथ चलते। नामुम कन तो नह य क नामुम कन म भी मुम कन ह,ै
इसी उ मीद पर दिु नया क़ायम ह।ै
गुल से रंगीतर ह ै ख़ारे लखनऊ
नशे से बेहतर ह ै खुमारे लखनऊ
फर रह े ह गुल हज़ारे लखनऊ
ह ै चमन हर रह-गुज़ारे लखनऊ शेख़ इमाम ब श नािसख
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िशि का (बेकरी)
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