Page 32 - The First Letter To My Lady.
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L e t t e r N i n e
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" कतन वाद कतनी बात बाक़ ह
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कतन दन और कतनी रात बाक़ ह
इन परछाइय स बदल भी जाऊ तो
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म ब फ़कर मदहोश हो भी जाऊ तो
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तम जब पास आती हो
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पलक स म कराती हो
हवाएँ भी गनगनाती ह
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तम जब पास आती हो
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म भी तो लौट आऊगा
ँ
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हवा सा गनगनाऊगा
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कतन वाद कतनी बात बाक़ ह
कतन दन और कतनी रात बाक़ ह|"
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"तम जब पास", Prateek Kuhad
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2017