Page 10 - Annual report 2021-22
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Annual Report 2021-22 |


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               िॉडलों को तनयोब्जत करना भी शामिल ह, संस्थान ि प्रततरक्षाववज्ञान और संक्रािक रोग जैववकी
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               अनुसंधान  का  िुख्य  आधार  रहा  ह।  प्रोटीन  फोब्ल्डंग,  दीघष  नॉन-कोडडंग  आरएनए  और
               सीआरआईएसपीआर-कस पर आधाररत इंजीतनयररंग जीन एडडठटंग उपकरणों पर अध्ययन द्वारा
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               जीवववज्ञान  और  रसायनववज्ञान  क  इंटरफस  का  अन्वेर्ण  ककया  जा  रहा  ह।  और  अंतत:,               10
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               न्यूरोडीजेनेरशन, कसर और घाव भरने पर ध्यान कठद्रत करते हए जीवववज्ञान क आधारभूत
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               प्रश्नों का हल हामसल करने क मलए सिस्त कोमशकीय और आणववक जैववक जानकारी संयोब्जत
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               ककया जा रहा ह, ब्जसक िाध््ि से अधधकाधधक ऱूपांतरणकारी अनुसंधान क मलए भावी पथ
               प्रदमशषत हो रहा ह।
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               इस वर्ष संस्थान ि उपकरणों और संसाधनों की एक वैववध्यपूण वब-आधाररत, जीन एडडठटंग
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               और धिककत्सीय श्ृंखला ववकमसत की गई ह जो रोग क पूवाषनुिान, तनदान और उपिार ि
               स्वास््य सेवा प्रदाताओं क मलए अत्यंत सहायक होगी।
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               जीनोिऐप, ब्जसे 1029 भारतीय  जीनोिों  और  काडडषयोवस्क ु लर  रोगों  क  मलए  प्रोठटओमिक्स-
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               आधाररत स्कलेबल डायग्नोब्स्टक िाकरों क डेटा का उपयोग करक तैयार ककया गया ह, रोग
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               का तनदान करने क साथ-साथ धिककत्सकों क मलए भी सहायक होगा। अंतरालीय फ ु फ्फ ु स रोगों
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               और सीटी स्कन से होने वाले अंत:कपालीय रक्तस्राव का पता लगाने क मलए गहन अधधगि-
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               आधाररत पद्यततयां ववकमसत की जा रही हैं जो नैदातनक दृब्ष्ट्ट से धिककत्सकों की सहायता
               करगी।
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               पेप्टाइड्स  (एनएिई-2  (NME2),  न्यूब्क्लयोसाइड  डडपोस्फट  काइनेज़  बी  से  व्युत्पन्न),  गैर-
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               टलोिेररक टीआरएफ2 (TRF2) अथवा जैडएनओ-आधाररत नैनोकणों (लक्ष्यीकरण और एंकररंग
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               क मलए पेप्टाइड्स क साथ संब्श्लष्ट्ट) का उपयोग करक संभाववत एटीट्यूिर नैदातनककयों का
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               अन्वेर्ण  ककया  जा  रहा  ह।  फोटोथिषल  एब्क्टवेशन  क  साथ  मिलकर  काइठटन-प्रुमशयन  धलू
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               आधाररत नैनोपाठटकल को और्धध-प्रततरोधी डिाषटोफाइट्स क मलए एक संभाववत उपिार क ऱूप
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               ि ववकमसत ककया जा रहा ह। तपेठदक और्धधयों की ववद्यिान प्रथि लाइन क संयोजन क
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               साथ राइब्ग्लसराइड संश्लेर्ण अथवा एंटी-डडप्रेसेंट सेरारलाइन क अवरोधन का उपयोग करक
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               तपेठदक  क  मलए  उपिार  रणनीततयों  को  भी  साथ–ही-साथ  तलाशा  जा  रहा  ह।  मसंथेठटक
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               क्रायोवप्रजवेठटव एजेंट, जो अत्यधधक िड क कारण िोट का तनवारण कर सकते हैं, की जांि की
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               जा रही ह।
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