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निर राजभाषा कायाषड़वयन सचमचत (बैंक ) जलड़धर

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                                       Your text here                                                प्रयास
                            निर राजभाषा कायाषड़वयन सचमचत (बैंक ) जलड़धर




















                                                                  अध्यक्ष की कलम से .........


              सवषप्रर्म आप सभी को मेरा नमस्कार,


                                                                           ं
          पूरे चवश्व में भारत एक मात्र ऐसा देश है जहा 22 भाषाओं को सचवधान में अनुसूचित कर राजकीय
                                                        ं
          कामकाज हेतु प्रयोि चकया जाता है। लेचकन इन सभी भाषाओं और बोचलयों को बोलने वाले लोिों को
                                                                                              ं
                        ं
          एक सूत्र में बाधने वाली हमारी राजभाषा चहड़दी है। इसी एक सूत्रता की कड़ी में  बाधने वाली हमारी
          राजभाषा चहड़दी की कड़ी में एक छोटा - सा प्रयास करते हए हम आप सभी क े  समक्ष  अपनी बैंक निर
                                                                   ु
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          राजभाषा कायाषड़वयन सचमचत, जलड़धर की पचत्रका “अचभनव प्रयास” का नवम  अक प्रस्तुत कर रहे
          हैं.

          जैसा की आप सभी जानते है चक चसतबर अर्द्ष वषष राजभाषा चहड़दी क े  कायाषड़वयन में बेहद महत्वपूणष
                                                ं
          स्र्ान रखता है क्योंचक इसी अर्द्ष वषष  में भारत सरकार क े  सभी कायाषलयों, चवभािों तर्ा उपक्रमों में

          चहड़दी चदवस, चहड़दी पखवाड़ा तर्ा चहड़दी माह का धूमधाम से आयोजन चकया जाता  है । इस अवसर

                                                                                             ं
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                                              ं
          पर हमें महामचहम राष्ट्ट्रपचत, िृह मत्री तर्ा चवि मत्री का मािषदशषन से पररपूणष सदेश हमें एक नए
          ऊमि से भर कर प्रत्येक चदन को चहड़दी चदवस क े  ऱूप में मनाने हेतु प्रोत्साचहत करता है।
              ं

          प्रयास क े  इस अक में प्रकाचशत सभी रिनाकारों को सहयोि हेतु आभार प्रकट करता हूँ मुझे चवश्वास
                          ं
          है चक प्रयास में प्रकाचशत सभी रिनाए रिनात्मक और ज्ञान वधषक होंिी। मुझे पूणष चवश्वास है चक
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          हमारी पचत्रका प्रयास चहड़दी क े  प्रिार -प्रसार में सहायक  चसर्द् होिी।

          सधड़यवाद,




          (राजेय भास्कर)
          अध्यक्ष

          निर राजभाषा कायाषड़वयन सचमचत(बैंक), जलड़धर
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