Page 5 - Prayas Magazine
P. 5

जलड़धर–अपने आप में एक धरोहर







          पंजाब राज्य में चस्र्त जलड़धर शहर, समृर्द् इचतहास वाला एक प्रािीन शहर है. जलड़धर का अर्ष है  पानी

          क े  अदर. यहाूँ पर सतलुज और धयास नचदयों का सिम होने क े  कारण इस शहर का नाम जलड़धर रखा
                                                            ं
               ं

          िया है . जलड़धर, पजाब का एक ऐचतहाचसक शहर है चजसे चिचटश औपचनवेचशक काल में जुलुड़दूर क े
                              ं

                   ं
          नाम से सबोचधत चकया जाता र्ा स्वतत्रता क े  बाद 1953 तक, जब  तक ििीिढ़ को पजाब की राजधानी
                                                                                  ं
                                                                                              ं
                                               ं

          का दज़ाष नहीं चदया िया र्ा  तब तक यह शहर  पजाब की राजधानी हआ करता र्ा. यह शहर वतषमान
                                                                                ु
                                                            ं

          में एक बड़ा व्यापाररक क ें द्र बना है.



          चवभाजन क े  बाद पाचकस्तान क े  स्यालकोट से जलड़धर शहर आकार बसे  उद्योिपचतयों ने नए चसरे से

                                                                                                         ु
          खेल उद्योि की स्र्ापना ही नहीं की बचल्क पूरे चवश्व में खेल सामग्री का चनयाषत करक े  अपने हनर का

          लोहा मनवाया है . पयषटन क े  चलहाज से यह एक समृर्द् शहर है जहा आप भारतीय इचतहास और कई
                                                                                ं

          अड़य महत्वपूणष पहलुओं को समझ सकते हैं.

                        ं
                                                                      ं
          देवी तालाब मचदर :- 51 शचिपीठों में से एक देवी तालाब मचदर है. पौराचणक माड़यता क े  अनुसार इस
                                  ं
                                                            ं
                                                                              ं
          स्र्ल पर सती का दाया वक्ष चिरा र्ा. माता क े  मचदर का नाम यहा चस्र्त 200 साल पुराने तालाब क े
                                       ं
                                                                               ं
          नाम पर रखा िया है. इस मचदर की इमारत का चनमाषण अमरनार् मचदर क े  मॉिल की तरह करवाया
                                                                    ं
                                                  ं
          िया है. सोने से बना देवी तालाब का मचदर हररबल्लभ सिीत सम्मेलन क े  चलए काफी प्रचसर्द् है. यह
          सम्मेलन प्रत्येक वषष चदसम्बर माह में होता है. इस सम्मेलन का आयोजन चपछले 125 वषों से चकया जा
          रहा है.

                 ं
          चशव मचदर :- यह मचदर िुऱू मिी, ईमाम नसीर मकबरा क े  समीप चस्र्त है ऐसा माना जाता है चक इस
                                        ं
                             ं

          मचदर का चनमाषण नवाब सुल्तानपुर लोदी ने करवाया र्ा. इस मचदर की वास्तुकला चहड़दू, मुचस्लम दोनों
           ं
                                                                         ं

                              ं
          शैचलयों में है तर्ा  मचदर क े  प्रमुख द्वार का चनमाषण मचस्जद की शैली में चकया िया है.


          यह एक ऐचतहाचसक शहर है और यहा अतीत से जुड़े कई महत्वपूणष स्र्ानों को देखा जा सकता है. शहर
                                               ं

          में एक 800 वषष पुराने एक मकबरे में एक पचवत्र दरिाह मौजूद है, माना जाता है यहा कभी भारत क े
                                                                                                 ं

                        ं
                                                    ु
          प्रचसर्द् सूफी सत बाबा फरीद का आिमन हआ र्ा. इस स्र्ल का नाम है इमाम नासीर मचस्जद है. आस्र्ा

                          ं
          से जुड़े लोि यहा क े  चदव्य वातावरण  क े  दशषन करने जऱूर  आते हैं. इमाम नासीर मचस्जद क े  पास एक

          400 वषष पुरानी एक जामा मचस्जद भी है।






                                                                                                      प्रयास



                                                         04
   1   2   3   4   5   6   7   8   9   10