Page 10 - Prayas Magazine
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राष्ट्रीयकरण क े लाभ
बैंकों क े राष्ट्ट्रीयकरण क े बाद, सावषजचनक क्षेत्र क े बैंकों में चिपॉचजट , लिभि 088% तक बढ़ िई
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और अचग्रमों में 99% की भारी वृचर्द् हई । सरकारी स्वाचमत्व क े तहत बैंचकि, सावषजचनक चवश्वास
और बैंकों की चस्र्रता क े बारे में अटूट चवश्वास पैदा करती है। बैंक अब क े वल भारत में महानिर
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तक सीचमत नहीं र्े। वास्तव में, भारतीय बैंचकि प्रणाली देश क े दूरस्र् कोनों तक भी पहि िई है।
लोकसभा िुनाव में, वतषमान सरकार ने सालाना 15 करोड़ चकसानों को नकद सहायता प्रदान
करने वाली पीएम चकसान योजना की घोषणा की। इन योजनाओं ने सरकार को सावषजचनक क्षेत्र
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क े बैंकों की बदौलत बड़ी सयाया में चनवाषिकों तक पहिने में मदद की और इचदरा िाधी ने 50 साल
पहले जो चनणषय चलया र्ा,उसक े कारण बैंक,सरकार की अच्छाइयों की मशीन बन िए।
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चनष्ट्कषष ऱूप से हम कह सकते हैं चक बैंक क े राष्ट्ट्रीयकरण क े पिास साल बाद बैंचकि को अभी भी
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सामाचजक उद्देश्य और राजनीचतक चविारों द्वारा सिाचलत उद्यम क े ऱूप में देखा जाता है ।
जयत क ु मार यादव
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सहायक प्रबड़धक
बैंक ऑफ बड़ौदा ,
क्षेत्रीय कायाषलय जलड़धर ,
प्रयास
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