Page 15 - Prayas Magazine
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(8) इलैक्ट्रॉकनक्ट्स उद्योग:- इलेक्ट्रॉचनक्स में िीन प्रमुख आपूचतषकताष है जो इलेक्ट्रॉचनक उद्योि में इस्तेमाल होने
           वाला अचतम उत्पाद या कच्िा माल है। भारत क े  इलेक्ट्रॉचनक उद्योि को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष और स्र्ानीय
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           चवचनमाषण पर इलेक्ट्रॉचनक्स घटक आपूचतष पर भारी चनभषरता क े  कारण उत्पाद की कीमतों में आपूचतष में व्यवधान,
           उत्पादन,कटौती प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।


           (9) क ु क्ट्क ु ट उद्योग पर रभाव:- इन अफवाओं क े  मद्देनजर चक कोरोना वायरस चिकन खाने से प्रसाररत हो

           सकता है, देश क े  चवचभड़न चहस्सों में पोल्ट्री उद्योि बुरी तरह से प्रभाचवत हुआ है, चजसक े  पररणामस्वऱूप कीमतों

           में काफी चिरावट आई है। देश भर में पोल्ट्री उद्योि में कायषरत लिभि दो करोड़ लोि प्रभाचवत हुए हैं। लोि मास,
                                                                                                             ं

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           मछली, चिकन, और अिे आचद क े  सेवन से बि रहे र्े। माि में चिरावट क े  कारण चिकन क े  र्ोक मूल्य में 70
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           प्रचतशत की चिरावट आई र्ी, चजस मे अब बहुत हद तक सुधर हुआ है।

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           (10) असगकिर् क्षेत्र पर दुष्ट्रभाव:- असंिचठत क्षेत्र का उद्यम कोरोना से सबसे अचधक प्रभाचवत हुआ है। रोजमराष
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           क े  व्यवसाय और चनमाषण क्षेत्र क े  चनिले पायदान की अचधकाश िचतचवचधयों की िाभी असंिचठत क्षेत्र क े  हार्ों
           में ही होती है। ऐसे में लॉकिाउन और मज़दूरों क े  पलायन से समस्या और जचटल हो ियी है। हालत ऐसे हैं की

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           पजाब और हररयाणा में मज़दूरों की कमी से क ृ चष कायष प्रभाचवत हो रहा है, चदल्ली, मुबई, कोल्कता की उत्पादन
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           इकाइया मजदूरों क े  अभाव में ठप पड़ा है वहीं चबहार, उिरप्रदेश, बिाल आचद राज्यों में मज़दूरों की अचधकता से

           बेरोजिारी की समस्या उत्पड़न हो ियी है।


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           उपसहार-कोरोना महामारी क े  आरम्भ से ही अनेककयास और चववादों का चसलचसला िलता रहा है।चवश्व
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           स्वास्थ्य सिठन की भूचम का सदेह क े  घेरे में रही और उसपे लिातार सवाल उठते रहे, िीन-अमेररका क े  बीि
           तनातनी िलता रहा और मेचिकल उपकरण और हाइड्रोक्लोरोक़्वीन व पैराचसटामोल का आयात-चनयाषत भी
           चववादों क े  साये में रहा। इस बीि भारत-सरकार ने ड़याय सित भूचमका चनभाते हुए यर्ासभव सभी छोटे-बड़े
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           देशों क े  चहतों का ध्यान रखा और उनकी मदद की। इनजेनेररकड्रग्स क े  बड़े उत्पादक होने क े  नाते भारत ने

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           चनयाषत क े  अलावे चमत्र देशों को यर्ा सभव चनःशुल्क सहायता भी भेजी। भारतीय अर्षव्यवस्र्ा को पटरी पर लाने

           हेतु प्रधानमत्री ने 20 लाख करोड़ क े  पैक े ज की घोषणा की है, और दावा चकया िया है चक ये भारत को
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           आत्मचनभषर बनाने हेतु एक बड़ा कदम है।

           कोरोना-महामारी ने भारत वषष सचहत पूरे चवश्व क े  आचर्षक-सामाचजक सरिना को झकझोड़ क े  रख चदया है।
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           आज पूरी दुचनया अपने-अपने प्रयासों से इस महामारी से उबरने और इससे हुए क्षचत की पूती में लिी है। ये कहना
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                                                                                                          ं
           िलत न होिा चक इस महासकट ने हमें आइना चदखने का कायष चकया है। इस दौरान हमारी खाचमया और
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           खूचबया दोनों ही उजािर हुईं है। खाचमयों से सीख लेना सफलता का मूल मत्र है, और वास्तव में हमने काफी क ु छ
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           सीखा भी है, और आिे भी मानवता क े  चवकास हेतु यह प्रयत्न जारी रहेिा। मनुष्ट्य होने क े  नाते हमें िुनौचतयों

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           में  भी  सभावनाए  तलाशनी  होिी। ऐसे  मुचश्कल  समय  में  राष्ट्ट्रकचव  चदनकर  की  रिना  रचश्मरर्ी  की
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           चनम्नचलचखत पचियाूँ मानवसमाज क े  चलए चनिय ही उत्साहवधषक साचबत होिी।





                                                        रचव रजन
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                                                        अचधकारी
                                                         क े नरा बैंक




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