Page 17 - Prayas Magazine
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7. जननी सुरक्षा योज़ना, 2005

            8. वन स्टॉप सेंटर स्कीम, 2015 द्वारा चनभषया फ़ि की स्र्ापना
                                                      ं
            9. शी बॉक्स पोटषल 2018
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            10. प्रधानमत्री उज्जवला योजना, 2016
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            11. कायषस्र्ल परमचहलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकधाम, चनषेध एव चनवारण) अचधचनयम, 2013

                                     ं
            12. घरेलू चहसा से मचहला सरक्षण अचधचनयम, 2005
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            13. स्वाधार स्कीम, 2002

            14. नारी शचि पुरस्कार, 1999
            15. मचहला-ई-हाट, 2016
            16. राचष्ट्ट्रय मचहला कोष, 1993

            मचहला पररवार एवं समाज को आकार ही नहीं देती बचल्क इनका समुचित चवकास करने में एक अग्रणी भूचमका

            रखती है। सरोचजनी नायिू, सुिेता क ृ पलानी, चवजलक्ष्मी पचित, चकरण बेदी, अरुणा आसफ अली, कस्तूरबा
                                                                  ं

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            िाधी एव ऐसी अड़य कई मचहलाओं ने देश मे जािृत नारी शचि का उदाहरण पेश चकया है। देश क े  चवकास में

                                                                                                    ं
            आज शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होिा चजसमें मचहलाओं ने अपनी उपचस्र्ती दजष ना करवायी हो। हालचक सरकार
            इस क्षेत्र में मचहलाओं क े  समग्र चवकास क े  चलये हरसभव प्रयास कर रही हैं और इसी का पररणाम हैं चक
                                                              ं
            मचहलाओं चक भूचमका में पररवतषन भी देखने को चमला है। उपयुषि योजनाओं क े  माध्यम से सरकार ने मचहलाओं
                                                                                           ं
            की आचर्षक, सामाचजक एव राजनैचतक दशा -सुधार क े  चलए कई अहम कदम उठाए हैं परतु इसका उचित फल
                                    ं
            प्राि करने क े  चलए प्रत्येक नािररक को कदम उठाने होंिे। एक जािऱूक नािररक बनक े  हमें अपने आिे
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            आने वाली पीचढ़यो क े  उज्जवल भचवष्ट्य एव वतषमान को बेहतर बनाने क े  चलए पुजोड़ कोचशश की आवश्यकता
            है। सभी का सार् होकर ही चवकास की अपेक्षा की जा सकती है। शास्त्रों क े  अनुसार: यत्र नायषस्तु पूज्यड़ते

            रमड़ते तत्र देवता: अर्ाषत जहाूँ नाररयों का सम्मान होता हैं वहाूँ देवता चनवास करते हैं। देश क े  चवकास में
            मचहलाओं चक भािीदारी आवश्यक है।

            मचहलाओं क े  चखलाफ़ भेदभाव को खत्म करक े  उनक े  चवकास पर ध्यान क े चड़द्रत करने क े  उद्देश्य से इस चदन
            की महत्वता है। मचहलाओं क े  योिदान को देखते हुए मचहला चदवस की आवश्यकता का महत्व अचधक बढ़
            जाता है। समाज क े  हर क्षेत्र मे मचहलाओं का उचित प्रचतचनधत्व देश क े  सामाचजक एव राजनैचतक चवकास मे
                                                                                          ं
            एक प्रबल नींव का पत्र्र साचबत हो सकता है। सरकार क े  सार् -सार् देश क े  हर नािररक का ये कतषव्य

            बनता है चक वो मचहलाओ क े  चवकास मे सहायक बने ना चक बाधा। इसी सकारात्मक सोि क े  सार् हम उम्मीद

            करते हैं चक आने वाले पलों मे एक बेहतर भचवष्ट्य की कामना करते हुए चवचभड़न कोचशशों क े  पररणाम स्वऱूप
            सकारात्मक प्रभाव देखने को चमलेंिे।


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                                                        ऋतु चसह
                                                यूचनयन बैंक ऑफ इचिया
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