Page 13 - Prayas Magazine
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(1) व्यापार पर रभाव :- सयुि राष्ट्ट्र की एक ररपोटष क े अनुसार, भारत क े चलए कोरोनो वायरस महामारी का
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व्यापार प्रभाव(ट्रेिइम्पैक्ट) लिभि 348 चमचलयन िॉलर है। हमारा देश उन शीषष 15 अर्षव्यवस्र्ाओं में से है, जो
महामारी से सबसे अचधक प्रभाचवत है। जबचक एचशयाई चवकास बैंक (ADB) क े अनुसार COVID -19 का प्रकोप
“व्यचिित उपभोि नुकसान” क े पैमाने पर भारतीय अर्षव्यवस्र्ा को $ 387 चमचलयन और $ 29.9 चबचलयन क े
बीि (https://www.livemint.com/) हाचन पहुंिाएिा। भारत क े चलए, व्यापार प्रभाव 129 चमचलयन िॉलर रसायन
क्षेत्र में, 64 चमचलयन िॉलर कपड़ा और पररधान क्षेत्र में, 34 चमचलयन िॉलर ऑटोमोचटव सेक्टर में, 12 चमचलयन
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िॉलर इलेचक्ट्रकल & मशीनरी सेक्टर में, 13 चमचलयन िॉलर िमड़े क े उत्पादन क े सेक्टर में, धातुए और धातु
उत्पाद 27 चमचलयन िॉलर और लकड़ी उत्पाद & फनीिर क े सेक्टर में 15 चमचलयन िॉलर अनुमाचनत है।
जब हम भारत क े क ु ल आयात में िीन का चहस्सा देखते हैं, तो भारत क े क ु ल इलेक्ट्रॉचनक आयात का 45%
िीन से होता है। एकचतहाई मशीनरी और लिभि 40% काबषचनक रसायन चजड़हें भारत दुचनया से खरीदता है, िीन
से आते हैं। भारत क े चलए मोटर वाहन क े पाट्षस और उवषरकों क े आयात में िीन का चहस्सा 25% से अचधक है।लिभि
65% से 70% “सचक्रय फामाषस्यूचटकल सामग्री” और लिभि 90% मोबाइल फोन िीन से भारत में आते हैं। इस
पररदृश्य में िीन में कम उत्पादन ने हमारे व्यापार को बड़े स्तर पर प्रभाचवत चकया है। COVID क े अलावा भारत-
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िीन सीमा चववाद की पृसॎठ भूचम में िीनी उत्पादों क े आयात पर लिाए प्रचतबध ने भी भारतीय व्यापार को प्रभाचवत
चकया है। न क े वल िीन बचल्क COVID ने हमारे लिभि समस्त व्यापाररक भािीदारों क े सार् व्यापार को
क ु प्रभाचवत चकया है, चजसमें से अमेरीका, यूरोप और खाड़ी देश सवाषचधक महत्वपूणष हैं।
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(2)बैंककग व्यवथिा पर बहुआयामी दबाव:- बैंचकि व्यवस्र्ा चकसी भी अर्षव्यवस्र्ा ऱूपी काया में मुद्रा ऱूपी रि
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क े सुिम प्रवाह हेतु धमनी व चशराओं का कायष करती है।भारत सरकार क े चवि मत्रालय क े चनदश पर बैंकों ने
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कोरोना प्रभाचवत व्यचियों एवं उद्योिों कोCOVID-19 ऋण योजना क े तहत काफी राहत प्रदान चकया है, सार्
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हीभारत सरकार क े सलाह पर आरबीआई ने मािष एव उसक े बाद होने वाले एनपीए अकाउट को रीपेमेंट हॉलीिे चदया
है, अतः बैंकों क े पास तरलता का अभाव है।दूसरी तरफ स्ट्रेस्ि असेट्स का आकार भी बेतहाशा बढ़ता जा रहा है जो
चक बैंकरों की नींद हराम करने क े चलए पयाषि है। इसी दौरान भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए क े कोरोना
राहत पैक े ज का ऐलान चकया है।चजसक े तहत अर्षव्यवस्र्ा क े चवचभड़न चहत धारकों व समाज क े चवचभड़न विों को
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अनेक योजनाओं क े अतिषत सुिमशतों पर ऋण उपलधध कराया जा रहा है। यद्यचप ये ऋण भारत सरकार क े िारटी
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स्कीम क े तहत चदया जा रहा है तर्ाचप पूवष क े अनुभव से ये कहने में अचतशयोचि नहीं होिी चक ऐसे ऋण का
पुनभुषितान लेना बैंकों क े चलए एक बहुत बड़ी िुनौती होिी और आने वाले वषों में बैंकों का एनपीए बेतहाशा बढ़ेिा।
उपरोि पररचस्र्चतयों ने बैंकों क े सामने चक कतषव्यचवमूढता की चस्र्चत पैदा कर दी है; अिर बैंक ऋण ना दे तो
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अर्षव्यवस्र्ा धराशाई हो जाएिी और अिर दे तो बैंकों क े हृदयाघात होने की प्रबल सभावना है।
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(3) कशक्षा से जुडे लोगों और सथिानों पर रभाव:- जैसा चक हम जानते हैं चक कोरोना वायरस महामारी क े कारण
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देशभर में राज्य सरकारें अस्र्ायी ऱूप से स्क ू लों और कॉलेजों को बद कर िुकी हैं। इस अवचध क े दौरान कई
चवश्वचवद्यालयों और प्रचतयोिी परीक्षाओं क े प्रवेश परीक्षा आयोचजत की जाती है। अिर ये चदन ऐसे ही बीत जाते हैं तो
स्क ू लों और कॉलेजों को बद करने का भारत में न चसफ ष क्षचणक बचल्क दूरिामी आचर्षक और सामाचजक पररणाम
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भी हो सकते हैं। ये बात िौर करने वाल है चक चशक्षण सस्र्ानों क े बद होने क े कारण दुचनया भर में लिभि 600
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चमचलयन चशक्षाचर्षयों क े प्रभाचवत होने का अनुमान है।
प्रयास
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