Page 19 - Prayas Magazine
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राजभाषा कायाषड़वयन में सहायक टूल्स :- उपयोचिता

                                                     और उपलचधधया         ं





          सूिना प्रौद्योचिकी हमारे जीवन का एक अचभड़न अि बन िुकी है । वतषमान समय सूिना प्रौद्योचिकी का युि है,
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          सभी कायाषलयों में तमाम काम कप्यूटरों पर ही चकये जाते हैं । चनत-प्रचतचदन नए नए सॉफ्टवेयर एव टूल चवकचसत
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          चकए जा रहे हैं । आज अचधकतर काम कप्यूटर पर चकया जा रहा है । इसचलए कप्यूटर पर ही चहड़दी का काम चकए
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          जाने से राजभाषा क े  कायाषड़वयन का लक्ष्य प्राि चकया जा सकता है । आधुचनक युि कप्यूटर का युि है चजसने

          मनुष्ट्य की कािज पर चनभषरता को काफी हद तक कम कर चदया है । कप्यूटर क े  आिमन, प्रसार तर्ा इसपर
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          हमारी बढ़ती चनभषरता ने क ु छ समय तक क े  चलए भारत जैसी तीसरी दुचनया क े  देश क े  चलए स्र्ानीय भाषाओं क े
                                                                                    ं
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          ह्रास का सकट पैदा कर चदया र्ा परतु, चनत नए तरीक े  से चवकचसत होते इस यत्र ने ऐसी बाधाओं को पार कर
          चलया है और अब यह सभी भारतीय भाषाओं क े  प्रसार क े  चलए इलेक्ट्रॉचनक माध्यम उपलधध करा रहा है । कप्यूटर
                                                                                                          ं
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          ने टाइचपि क े  चलए उपयोि चकए जाने वाले टाइपराइटर को िलन से बाहर चकया । परतु शुरुआत में यह स्र्ानीय
          भाषाओं क े  चलए सहज नहीं र्ा । इस समस्या का समाधान यूचनकोि क े  आिमन से हुआ चजसने चहड़दी क े  सार्-
          सार् अड़य भारतीय भाषाओं क े  चलए भी कप्यूटर पर काम करने क े  चलए आसान प्लेटफॉमष चनचमषत चकया ।
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          यूचनकोि ने चहड़दी में टाइचपि को आसान बना चदया है।
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          आज का युि सूिना, सिार व चविार का युि है । सूिना प्रौद्योचिकी एक सरल तत्र है जो तकनीकी प्रयोि क े
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          सहारे सूिनाओं का सकलन, प्रचक्रया व सम्प्रेषण करता है। सूिना प्रौद्योचिकी क े  इस युि मे कप्यूटर का महत्व
                                                                                                            ं
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          कल्पवृक्ष से कम नहीं है । इससे व्यवसाचयक, वाचणचज्यक, जन सिार, चशक्षा, चिचकत्सा आचद कई क्षेत्र लाभाचवत
          हुए हैं।कप्यूटर व सूिना प्रौद्योचिकी क े  क्षेत्र में जो चवकास हुआ है वह भाषा क े  क्षेत्र में भी मौन क्राूँचत का वाहक
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          बन कर आया है । अभी तक भाषा जो क े वल मनुष्ट्य की आवश्यकताओं को पूरा कर रही र्ी, उसे सूिना प्रौद्योचिकी

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          क े  इस युि में मशीन व कप्यूटर की चनत नई भाषायी मािों को पूरा करना पड़ रहा है ।



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          सचवधान क े  अनुच्छेद 343 क े  आधार पर चहड़दी को भारत में राजभाषा का दजाष प्राि है चजसकी वज़ह से चहदी भाषा
                                                                                                         ं
          का प्रयुचि क्षेत्र वृहद है ।सभी सरकारी कायाषलयों में चहदी को कायाषलयीन भाषा का दजाष प्राि है व इसका कायषक्षेत्र
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          क ें द्र सरकार क े  सभी मत्रालयों, कायाषलयों, चनिमों, चवभािों व उपक्रमों आचद तक फ ै ला हुआ है । समकालीन समय
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          में सूिना प्रौद्योचिकी चजसकी आत्मा कप्यूटर है, चकसी भी अर्षव्यवस्र्ा की रीढ़ की हि ् िी बना हुआ है ।



          यह सवषज्ञात है चक कप्यूटर ने राजभाषा चहदी में कायष करना सुिम बनाया है । चहदी में कप्यूटर स्र्ानीयकरण का
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          कायष काफी पहले प्रारभ हुआ और अब यह आदोलन का ऱूप ले िुका है । चहदी सॉफ्टवेयर स्र्ानीयकरण का कायष
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          सवषप्रर्म सी-िैक द्वारा चकया िया र्ा ।वतषमान में चहदी भाषा क े  चलये कई सिठन कायष करते है, चजसमें सी–िैक,
                                                                              ं

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          िृह मत्रालय का राजभाषा चवभाि, क ें द्रीय चहदी सस्र्ान और अनेकों िैर सरकारी सिठन जैसे सराय, इिचलक्स
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          आचद प्रमुख हैं ।






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